अर्थव्यवस्था

वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत तैयार: पीयूष गोयल

स्थिर मुद्रा, 675 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार और हरित प्रौद्योगिकियों के साथ भारत वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार

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श्रेया नंदी   
Last Updated- November 22, 2024 | 11:23 PM IST

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि स्थिर मुद्रा और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार के साथ भारत, विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इंडिया आइडियाज कॉन्क्लेव के आठवें आयोजन में गोयल ने कहा, ‘आज भारत गर्व, दृढ़ता और दृढ़ संकल्प के साथ असाधारण बदलाव के शिखर पर खड़ा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।’मंत्री ने कहा कि भारत की मुद्रा में विश्व की प्रमुख मुद्राओं की तुलना में सबसे कम उतार चढ़ाव हुआ है और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 675 अरब डॉलर हो गया है, जो विश्व का पांचवां बड़ा मुद्रा भंडार है।

भारत पर्यावरण के अनुकूल कारोबारी गतिविधियों और हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही यह भी ध्यान में रखा जाएगा कि आर्थिक विकास पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारियों के साथ साथ चले। मंत्री ने यह भी कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्यों को आगे बढ़ाते हुए भारत ने 2030 तक 500 गीगावॉट उत्पादन के लक्ष्य में से 200 गीगावॉट उत्पादन का लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया है। शोध और नवोन्मेष भारत की विकसित भारत की यात्रा में महत्त्वपूर्ण स्तंभ बना हुआ है और उन्होंने उद्योग से इन क्षेत्रों के लिए धन देने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, ‘उभरते क्षेत्रों और तकनीक में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के कोष की घोषणा की है। इससे नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालीन धन मिल सकेगा। मैं उद्योगों से अनुरोध करूंगा कि इस कोष का इस्तेमाल करें और महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में नवोन्मेष को बढ़ावा दें। शिक्षाविदों के साथ साझेदारी करके यह सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी में किया जाना चाहिए।’

First Published : November 22, 2024 | 11:23 PM IST