अमेरिका के साथ हाल में द्विपक्षीय व्यापार समझौता जल्दी करने के लिए बनी सहमति से कारोबारियों को ‘भरोसा और काफी राहत’ मिली है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को उम्मीद जताई कि अब दोनों पक्ष एक-दूसरे की प्रतिस्पर्धी सामर्थ्य के साथ मिलकर काम कर सकेंगे।
ईटी नाउ बिजनेस ग्लोबल समिट में गोयल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान इस वर्ष के अंत तक व्यापार करार पर हस्ताक्षर करने के लिए एक सहमति बनी है। मुझे लगता है, इससे अमेरिका और भारत में हर कारोबारी को काफी आत्मविश्वास और राहत मिलेगी जो मानते हैं कि साथ मिलकर हम अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी प्रतिस्पर्धी सामर्थ्य के साथ दुनिया के व्यापार को वाकई बदल सकते हैं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अगले सात से आठ महीने के भीतर ‘आपस में फायदेमंद’ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत शुरू करने और इसे अंतिम रूप देने पर सहमति जताई थी। दोनों देश बाजार पहुंच बढ़ाने, शुल्क और गैर-शुल्कों की बाधाओं को कम करने तथा आपूर्ति श्रृंखला के एकीकरण को व्यापक बनाने के लिए बातचीत करेंगे।
यह प्रस्तावित व्यापार समझौता द्विपक्षीय व्यापार को साल 2030 तक दोगुना से अधिक करके 500 अरब डॉलर करने के लिए ट्रंप-मोदी के ‘साहसिक नए लक्ष्य’ के अनुरूप होगा। 20 जनवरी को ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला था। उसके बाद से उनके साथ मोदी की यह पहली द्विपक्षीय बैठक थी जिसमें ये घोषणाएं की गई थीं।
व्यापार समझौता करने का यह फैसला महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक और प्रमुख रणनीतिक साझेदार है। इसके अलावा अगले कुछ महीने के दौरान ट्रंप अमेरिका के व्यापारिक साझेदार देशों पर ‘जवाबी’ शुल्क लगाने की योजना लागू करने वाले हैं, ताकि वस्तुओं के ‘बड़े और स्थायी’ वार्षिक व्यापार घाटे को कम किया जा सके। साथ ही, व्यापार के अन्य ‘अनुचित और असंतुलित पहलुओं’ से निपटा जा सके।
ट्रंप और मोदी भले ही द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर मुहर लगाने के अपने इरादे का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेकिरा भारत को जवाबी शुल्क से बख्शेगा नहीं।
गोयल ने कहा कि भारत अपने अंतरराष्ट्रीय व्यापार का सफल भविष्य सुनिश्चित करने में सक्षम रहा है क्योंकि वह दुनिया भर में नई साझेदारियां बना रहा है। साथ ही ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और लीश्टेंस्टाइन जैसे विकसित देशों के साथ नए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) कर रहा है। गोयल ने कहा, ‘यूरोप के साथ अन्य संबंधों में हम जो प्रगति कर रहे हैं और इस साल के अंत तक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए हम जल्द ही अमेरिका के साथ जो प्रगति करेंगे, वह सभी वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती प्रासंगिकता को दर्शाती हैं।’