मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन। फाइल फोटो
महंगाई के नरम पड़ने से चालू वित्त वर्ष में बाजार मूल्य पर जीडीपी (Nominal GDP) की ग्रोथ रेट बजट अनुमान (10.1%) से कम रह सकती है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने यह अनुमान जताया है। मौजूदा बाजार कीमतों पर आधारित जीडीपी में महंगाई के प्रभाव को समायोजित नहीं किया जाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिका के भारतीय निर्यात पर 50% का भारी टैरिफ लगाने के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3-6.8% के रियल जीडीपी ग्रोथ के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। रियल जीडीपी में महंगाई के प्रभाव को समायोजित किया जाता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने हाल में ऐतिहासिक जीएसटी सुधारों को मंजूरी दी है, जिससे लगभग 400 वस्तुओं की कीमतों में कमी होगी। इसके अलावा खरीफ की अच्छी फसल के कारण भी महंगाई कम रहने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया, ”बाजार मूल्य पर जीडीपी ग्रोथ में कुछ कमी हो सकती है। मुझे लगता है कि ऐसा होने की संभावना ज्यादा है। हालांकि, मेरे लिए उत्साहजनक बात यह है कि पहली तिमाही के लिए 8.8% की जीडीपी ग्रोथ रेट कई लोगों के अनुमान से से बेहतर रही।”
उन्होंने कहा कि जीएसटी राहत और फरवरी के बजट में दी गई डायरेक्ट टैक्स राहत से महंगाई कम होगी और खर्च करने योग्य आय बढ़ेगी। इससे घरेलू खपत बढ़ेगी, लेकिन कुल मिलाकर महंगाई काबू में रहेगी। जीडीपी पर जीएसटी सुधारों के प्रभाव के बारे में नागेश्वरन ने कहा कि इस समय इसका आकलन करना मुश्किल होगा, लेकिन बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि उपभोक्ता कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।
(PTI इनपुट के साथ)