सरकार नई निर्यात संवर्धन योजनाओं की रूपरेखा को अंतिम रूप दे रही है। इसमें जवाबी शुल्क और अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले संभावित शुल्क के कारण पैदा हुई अनिश्चितता से निपटने के लिए पर्याप्त लचीलेपन का प्रावधान शामिल होगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा, ‘नई योजना को एक माह के भीतर अंतिम रूप दे दिया जाएगा।’ वाणिज्य, वित्त और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के अधिकारियों की अंतर मंत्रालयी समिति निर्यातकों की नई समर्थन योजना पर काम कर रही है। यह योजना बजट में घोषित 2,250 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्धन मिशन के तहत तैयार की जा रही है।
नई योजना खासकर छोटे निर्यातकों को ध्यान में रखते हुए तैयार की जा रही है, जिससे उन्हें गिरवी के बगैर ऋण हासिल करने में मदद मिल सके और विकसित देशों द्वारा लगाए गए गैर शुल्क कदमों के अनुपालन की जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसके अलावा सीमापार फैक्टरिंग समर्थन के माध्यम से धन जुटाने के वैकल्पिक साधनों को बढ़ावा देना और जोखिम वाले बाजारों के लिए सहायता देने का भी लक्ष्य है।
अमेरिका द्वारा जवाबी कर लगाए जाने की स्थिति में निर्यातकों को ऑर्डर रोके जाने की चिंता है। उन्होंने कहा कि चल रही प्रगति पर वे नजर बनाए हुए हैं और देखो और इंतजार करो की रणनीति अपना रहे हैं।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट्स ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के वाइस प्रेसीडेंट इसरार अहमद ने कहा, ‘अभी असर यह है कि खरीदारी थोड़ी ज्यादा सतर्कता के साथ हो रही है। ऑर्डरों की मात्रा कम हो गई है, क्योंकि खरीदार पीछे हट रहे हैं।’
अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद से ही डॉनल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अमेरिका का व्यापार घाटा कम किया जाएगा और देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के साथ रोजगार सृजन पर बल दिया जाएगा।
दो अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाने के फैसले के अलावा अमेरिका ने स्टील, एल्युमीनियम जैसी अन्य वस्तुओं पर भी 12 मार्च से कर लगाने की योजना बनाई है।
इसके अलावा मेक्सिको और कनाडा जैसे देशों पर अतिरिक्त शुल्क लागू करने की योजना है। चीन पर अतिरिक्त शुल्क पहले ही लागू कर दिया गया है।
अहमद ने कहा कि चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगने की वजह से भारत के कुछ निर्यातकों के साथ इंडोनेशिया और वियतनाम के श्रम आधारित वस्तुओं के निर्यातकों को भी लाभ होगा। हालांकि अभी लाभ के बारे में अनुमान लगाना मुश्किल है।