अमेरिका के साथ ट्रेड पॉलिसी फोरम (टीपीएफ) की आगामी बैठक में भारत गैर-शुल्क बाधाओं के कारण बाजार पहुंच का मुद्दा उठा सकता है। जानकार सूत्रों ने यह जानकारी दी। नई दिल्ली में 13 और 14 जनवरी को होने वाली इस वार्षिक बैठक की तैयारी शुरू हो गई है। सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों को उम्मीद है कि इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, व्यापार एवं निवेश के मुद्दों को निपटाने और बेहतर तालमेल के लिए नए क्षेत्रों की पहचान करने पर बातचीत होगी।
आम, अंगूर, अनार जैसे फलों सहित कृषि उत्पाद दोनों देशों के लिए बातचीत का प्रमुख मुद्दा होगा। दोनों तरफ के निर्यातकों को इन उत्पादों के निर्यात के लिए बाजार तक पहुंच में तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
एक अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘अमेरिका के साथ बाजार पहुंच को लेकर कुछ मुद्दे हैं। उदाहरण के तौर पर अनार, अमेरिका के प्रीक्लीयरेंस कार्यक्रम के तहत आम जैसे फलों की जांच संबंधी चुनौतियां मौजूद हैं।’ अधिकारियों ने कहा, ‘हम अगले महीने होने वाले टीपीएफ में इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई अपनी टीम के साथ दिल्ली में होंगी।’
कट्स इंटरनैशनल के महासचिव प्रदीप मेहता ने कहा कि पुराने व्यापार मतभेद द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को आगे बढ़ाने में एक बड़ी चुनौती पैदा करते हैं, इसलिए ऐसी रूपरेखा तैयार करने की आवश्यकता है जो भारत और अमेरिका दोनों की व्यापार प्राथमिकताओं के अनुरूप हो और लंबित मुद्दों को निपटने में सक्षम हो।
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मेहता ने कहा, ‘जहां तक भारत का सवाल है तो अमेरिका के जीएसपी कार्यक्रम के लाभार्थी का दर्जा दोबारा दिए जाने और भारतीय पेशेवर सेवा प्रदाताओं के लिए अच्छी शर्तों पर बातचीत प्राथमिकता होनी चाहिए। ट्रेड पॉलिसी फोरम की बैठक डब्ल्यूटीओ एमसी13 से कुछ हफ्ते पहले होने जा रही है। ऐसे में दोनों पक्षों को इस मुद्दे पर भी चर्चा करनी चाहिए कि वे एमसी13 को किस प्रकार सफल बनाएंगे और प्रभावी विवाद निपटान ढांचे की बहाली में साथ मिलकर और रचनात्मक तरीके से किस प्रकार योगदान कर सकते हैं।’
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड पॉलिसी फोरम की सह-अध्यक्षता वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएसटीआर कैथरीन ताई करेंगे। फोरम की 13वीं मंत्रिस्तरीय बैठक एक साल पहले जनवरी में वॉशिंगटन में हुई थी। चार साल के अंतराल के बाद नवंबर, 2021 में फोरम का पुनर्गठन किया गया। यह एक महत्त्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापार एवं निर्यात भागीदार है। यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है जब भारत और अमेरिका का संबंध नई ऊंचाइयों पर है।
भारत और अमेरिका विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सात विवादों पर समझौते के लिए सहमत हो चुके हैं। साथ ही प्रमुख नीतिगत मुद्दों पर उनका नजरिया एक जैसा है।