अर्थव्यवस्था

Manufacturing PMI: मजबूत मांग से जून में बढ़ी भारत की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ, तेज रफ्तार से रोजगार में हुआ इजाफा

HSBC के सर्वेक्षण में कहा गया, 'भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि ने मई में खोई हुई स्थिति वापस पा ली है, हेडलाइन PMI अपने लॉन्ग रन एवरेज से लगभग पांच अंक ऊपर है।'

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शिवा राजौरा   
Last Updated- July 01, 2024 | 11:50 AM IST

Manufacturing PMI in June 2024: मई महीने की गिरावट से उबरने के बाद जून में एक बार फिर भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बढ़ोतरी देखने को मिली। आज यानी 1 जुलाई को HSBC द्वारा जारी पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) आंकड़ा मई के 57.5 से बढ़कर जून में 58.3 हो गया। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में यह सुधार उत्साहजनक मांग के कारण हुआ, जिससे नए ऑर्डर, प्रोडक्शन और खरीद में इजाफा हुआ।

इसके अलावा, 19 से ज्यादा सालों के डेटा कलेक्शन में कंपनियों में सबसे तेज दर से रोजगार में इजाफा दखने को मिला। इस बीच, लागत दबाव मई से कम हो गया था, लेकिन फिर भी पिछले दो वर्षों में सबसे अधिक था, जिसके कारण कंपनियों ने मई 2022 के बाद से बिक्री कीमतों को उच्च स्तर तक बढ़ाया।

Headline PMI अपने लॉन्ग रन एवरेज से लगभग पांच अंक ऊपर

HSBC के सर्वेक्षण में कहा गया, ‘भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि ने मई में खोई हुई स्थिति वापस पा ली है, हेडलाइन PMI अपने लॉन्ग रन एवरेज से लगभग पांच अंक ऊपर है। जून के आंकड़ों से पता चला है कि मजबूत मांग की स्थिति ने नए ऑर्डर, आउटपुट और खरीदारी के स्तर में विस्तार को बढ़ावा दिया है।’

कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री की परफॉर्मेंस सबसे मजबूत

इंडेक्स में 50 से ऊपर का आंकड़ा विस्तार (expansion) को दर्शाता है और नीचे का आंकड़ा संकुचन (contraction) को दर्शाता है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि उपभोक्ता वस्तु उद्योग (goods industry) का प्रदर्शन विशेष रूप से मजबूत था, हालांकि इंटरमीडिएट और इन्वेस्टमेंट गुड्स कैटेगरी में भी पर्याप्त वृद्धि देखी गई।

सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘जून में भारत में मैन्युफैक्चरर्स की बिक्री में मजबूत वृद्धि देखी गई। मजबूत अंडरलाइंग डिमांड, हाई एक्सपोर्ट वॉल्यूम और सफल एडवर्टाइजिंग ने ग्रोथ को गति दी। नए ऑर्डर में जारी वृद्धि की वजह से कंपनियों ने भर्ती बढ़ा दी।’

किस वजह से बढ़ी मैन्युफैक्चरिंग PMI

HSBC की वैश्विक अर्थशास्त्री (global economist) मैत्रेयी दास ने कहा कि भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने जून तिमाही को मजबूत आधार पर समाप्त किया, जिसे नए ऑर्डर और आउटपुट में बढ़ोतरी से समर्थन मिला और कंपनियों ने सबसे तेज गति से अपनी नियुक्तियां बढ़ाईं।

उन्होंने कहा, ‘कीमत के मोर्चे पर, इनपुट लागत जून में थोड़ी कम हुई, लेकिन ऊंचे स्तर पर रही। मांग मजबूत रहने के कारण मैन्युफैक्चरर्स ग्राहकों पर ज्यादा लागत लगाने में सक्षम थे, और इस वजह से मार्जिन में सुधार हुआ। जबकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए ओवपआल आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है। भविष्य का आउटपुट इंडेक्स तीम महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया, हालांकि यह ऐतिहासिक औसत से ऊपर बना हुआ है।’

इन देशों से जमकर मिले नए निर्यात ऑर्डर

सर्वेक्षण में कहा गया है कि जून में नए निर्यात ऑर्डरों में फिर से काफी वृद्धि देखी गई और कंपनियों ने एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोप और अमेरिका से बेहतर मांग के लिए विदेशों से नए काम की अधिक आमद (higher inflows) को जिम्मेदार ठहराया।

जून मैन्युफैक्चरिंग PMI महीने के लिए 58.5 के फ्लैश अनुमान से नीचे आ गया और यह जुलाई 2021 के बाद से लगातार 36वें महीने मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में ग्रोथ है।

First Published : July 1, 2024 | 11:50 AM IST