अर्थव्यवस्था

FY24 में कॉर्पोरेट सेक्टर में घटी नौकरियां, Bank of Baroda की रिपोर्ट में सामने आए कई और तथ्य

FY23 में रोजगार में वृद्धि ज्यादा दिख रही है, मगर यह असल तस्वीर पेश नहीं करती है। क्योंकि FY22 में कोरोना महामारी के कारण नौकरियों का सृजन न के बराबर था।

Published by
शिवा राजौरा   
Last Updated- August 21, 2024 | 10:46 PM IST

Employment growth in corporate sector: कॉरपोरेट सेक्टर में रोजगार वृद्धि दर में कमी दर्ज की गई है। बैंक ऑफ बड़ौदा की बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 के दौरान रोजगार वृद्धि दर 1.5 प्रतिशत पर रही और इस अवधि में 90,840 नए लोगों को रोजगार मिला, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 5.7 प्रतिशत के स्तर पर थी एवं उस समय 3,33,000 लोग कार्यबल से जुड़े थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि समग्र रूप में देखें तो भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र में रोजगार वृद्धि का परिदृश्य बहुत धुंधला रहा है। वित्त वर्ष 2023 की उच्च रोजगार वृद्धि दर आंशिक रूप से निम्न वृद्धि दर को परिलक्षित कर सकती है।

बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में मौजूदा मंदी का कारण कोविड महामारी को बताया गया है। इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 23 महामारी के बाद पहला साल था जब उद्योग धंधे समेत सब कुछ खुला तो लोगों को रोजगार की और कंपनियों को कार्यबल की जरूरत पड़ी थी। लेकिन, उसके बाद रोजगार क्षेत्र में तेजी बरकरार नहीं रह पाई।

सबसे अधिक नौकरियां देने वाले क्षेत्रों में रिटेल (19.4%) और व्यापार (16.2%) शामिल रहे। इसके बाद बुनियादी ढांचा क्षेत्र (15.8%), रियल्टी (13.6%) और लोहा और इस्पात (12.1%) जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सबसे अधिक पैदा हुए हैं। इस दौरान आतिथ्य क्षेत्र (-11.9%) लॉजिस्टिक (-11.8%), कारोबारी सेवा क्षेत्र (-6.3%), कपड़ा (-5%) ऐसे क्षेत्र हैं, जो जबरदस्त कार्यबल कटौती का शिकार रहे और यहां रोजगार वृद्धि दर नकारात्मक श्रेणी में पहुंच गई।

रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 के दौरान रोजगार वृद्धि और बिक्री में कोई सीधा संबंध नजर नहीं आया। बिक्री घटने के बावजूद व्यापार क्षेत्र में रोजगार वृद्धि दर्ज की गई। प्लास्टिक उत्पाद क्षेत्र के बारे में भी यही कहा जा सकता है। आतिथ्य, कारोबार सेवा और इलेक्ट्रीकल जैसे क्षेत्रों की बात करें तो यहां बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन रोजगार घटे हैं।

बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट कहती है, ‘इसलिए भविष्य में रोजगार की स्थिति क्या रहेगी, इसका अनुमान बिक्री को देखकर नहीं लगाया जा सकता। किसी एक कंपनी और समग्र उद्योग जगत के लिए यह रुझान अलग-अलग हो सकते हैं।’

Also read: Amazon जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों से रोजगार को नुकसान, जानबूझकर कीमत कम करके जश्न मनाना ठीक नहीं: पीयूष गोयल

यह रिपोर्ट 1196 कंपनियों से प्राप्त सैंपल पर आधारित है, जिनकी वित्त वर्ष में कुल औसत बिक्री 99.3 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई। चूंकि रोजगार पर कोई भी जानकारी केवल कंपनियों की वार्षिक लेखाजोखा रिपोर्ट से ही मिल पाती है, इसलिए यहां सैंपल केवल उपलब्धता के आधार पर अध्ययन में शामिल किए गए हैं। हां, जो भी सैंपल लिए वे केवल बड़ी और मध्यम स्तर की कंपनियों के हैं, छोटी कंपनियों और सूक्षम उद्यमों को इसमें शामिल नहीं किया गया।

First Published : August 21, 2024 | 7:04 PM IST