भारत सहित विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में हाल के महीनों के दौरान तेजी से गिरावट का रुझान शुरू हो गया है। बीते साल की तुलना में जर्मनी, यूके और यूएस में महंगाई में तेजी से गिरावट आने का दौर शुरू हो गया है। लेकिन भारत में महंगाई में सीमित गिरावट हुई है। भारत में हाल में बढ़ी महंगाई के आंकड़े तेजी से बढ़ते ब्रिक्स देशों के करीब हैं लेकिन यह आंकड़े भारत में अधिक हैं। विश्व के शीर्ष विकसित देशों सहित ब्रिक्स देशों की तुलना में भारत के आंकड़े अधिक हैं।
भारत के मुद्रास्फीति का आंकड़ा अगस्त में गिरकर 6.83 प्रतिशत आ गया जबकि यह जुलाई में 7.44 फीसदी था। मॉनसून की बारिश रुक जाने और फिर फसल खराब हो जाने के कारण जुलाई में सब्जियों के दाम बढ़ गए थे। सरकार ने बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए घरेलू प्राकृतिक गैस के दाम कम करने के साथ खाद्य वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य व कृषि संगठन (एफएओ) के मूल्य सूचकांक के अनुसार अगस्त में वैश्विक स्तर पर खाद्य वस्तुओं के दाम दो वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गए थे। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बीते साल मार्च में खाद्य उत्पादों के मूल्य दो साल के उच्च स्तर पर पहुंच गए थे। भारत ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद एफएओ का चावल सूचकांक 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। भारत के मुद्रास्फीति के आंकड़ों से अधिक 13 राज्यों के मुद्रास्फीति के आंकड़े थे।