अर्थव्यवस्था

भारत का सेवा निर्यात 322 अरब डॉलर तक पहुंचा, वाणिज्यिक निर्यात भी बढ़ा

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असित रंजन मिश्र
Last Updated- May 02, 2023 | 11:27 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत का सेवा निर्यात वित्त वर्ष 23 में 26.6 प्रतिशत बढ़कर 322 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही वाणिज्यिक निर्यात और सेवा निर्यात के बीच अंतर घट गया है। वाणिज्यिक निर्यात इस दौरान महज 6 प्रतिशत बढ़कर 447 अरब डॉलर पर पहुंचा है।

वहीं दूसरी तरफ सेवाओं का आयात 22.2 प्रतिशत बढ़कर 179.7 अरब डॉलर पहुंचा है। इसके कारण 142.5 अरब डॉलर का सेवा कारोबार अधिशेष है। इस वित्त वर्ष के दौरान वाणिज्यिक व्यापार का घाटा 267 अरब डॉलर रहा है। इसकी वजह से वित्त वर्ष 23 में देश का कुल मिलाकर व्यापार घाटा 124.5 अरब डॉलर रहा है।

भारत के सेवा के निर्यात में सूचना तकनीक (आईटी) से लेकर डॉक्टरों और नर्सों द्वारा विदेश में दी जा रही सेवाएं शामिल हैं। रिजर्व बैंक सेवाओं के निर्यात के मासिक आंकड़े जारी नहीं करता और इसका वर्गीकरण हर तिमाही में आता है, जिसमें परिवहन, यात्रा, निर्माण, बीमा और पेंशन, वित्तीय सेवाएं, दूरसंचार, कंप्यूटर और सूचना सेवाएं, व्यक्तिगत, सांस्कृतिक और रिक्रिएशनल सेवाएं व अन्य व्यापारिक सेवाएं शामिल होती हैं।

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भारत के सेवा निर्यात में सॉफ्टवेयर निर्यात अहम है, वहीं हाल में अन्य कारोबारी सेवाओं के तहत आने वाली सेवाओं का कारोबार तेजी से बढ़ा है और कुल सेवा निर्यात में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर वित्त वर्ष 23 के पहले 9 महीने में 24 प्रतिशत हो गई है, जो इसके पहले 19 प्रतिशत थी।

First Published : May 2, 2023 | 11:27 PM IST