अर्थव्यवस्था

भारत को रूस के साथ गैर शुल्क बाधाओं से चिंता; समुद्री उत्पाद, फार्मा जैसे सेक्टर्स के निर्यातकों पर पड़ रहा असर

यह बयान ऐसे समय में आया है जब 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है जो फिलहाल 67 अरब डॉलर से अधिक है।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- July 15, 2024 | 10:23 PM IST

भारत ने निर्यातकों के सामने आने वाली गैर-शुल्क बाधाओं (non-tariff barriers/NTB) के बारे में अपनी चिंताओं से रूस की सरकार को अवगत कराया है। वाणिज्य सचिव सुनील बडथ्वाल ने आज यह जानकारी दी।

भारतीय निर्यातकों के सामने आने वाली गैर-शुल्क बाधाएं मुख्य रूप से समुद्री उत्पाद और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में हैं। उदाहरण के लिए, रूस को समुद्री उत्पादों का निर्यात करने में भारत को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि भारतीय निर्यातकों को निर्यात से संबंधित प्रमाणन एवं पंजीकरण जैसी चुनौतियों से जूझना पड़ता है।

बर्थवाल ने कहा, ‘इन मुद्दों को विभिन्न मंचों पर उठाया जा रहा है। हम समुद्री उत्पादों और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में अधिक बाजार पहुंच हासिल करने और इनमें गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने पर विचार कर रहे हैं।’

यह बयान ऐसे समय में आया है जब 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है जो फिलहाल 67 अरब डॉलर से अधिक है। यह लक्ष्य पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के दौरान निर्धारित किया गया था।

सचिव ने कहा, ‘हम रूस के साथ कुल व्यापार की मात्रा बढ़ाने की योजना बना रहे हैं…हम विभिन्न वस्तुओं जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग सामान और अन्य वस्तुओं के व्यापार को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।’

पिछले दो वित्तीय वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार तेजी से बढ़ा है। हालाँकि, यह मुख्य रूप से फरवरी 2022 में यूक्रेन के साथ गतिरोध शुरू होने के तुरंत बाद रूस से तेल आयात में वृद्धि से प्रेरित था। रूस के साथ व्यापार घाटा भी दूसरा सबसे बड़ा है, जो दोनों देशों के बीच ‘असंतुलित व्यापार’ पर चिंता पैदा करता है।

बर्थवाल ने कहा, जहां तक यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते का संबंध है, मुख्य वार्ताकारों के बीच बातचीत की जा रही है। व्यापक रूपरेखा और संदर्भ शर्तें अंतिम रूप दी जा रही हैं। EAEU में रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, और आर्मेनिया शामिल हैं।

सभी देशों के साथ NTBs के मुद्दे के संदर्भ में, वाणिज्य विभाग निर्यातकों को व्यापार में बाधाओं से निपटने में मदद करने के लिए एक पोर्टल लॉन्च करने की योजना बना रहा है।

First Published : July 15, 2024 | 10:23 PM IST