वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में शून्य या ऋणात्मक रह सकती है। बहरहाल उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधार के संकेत मिल रहे हैं और अगले वित्त के दौरान बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से बढ़ता देश हो सकता है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 10.3 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है और जून के 4.5 प्रतिशत गिरावट के अपने अनुमान को बढ़ा दिया है।
सेरावीक के इंडिया एनर्जी फोरम में वित्त मंत्री ने संबोधित करते हुए कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि महामारी के कारण इस बार जीडीपी वृद्धि दर शून्य रह सकती है। अगले साल हम भारत को तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में एक के रूप में देखेंगे।’ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था रही है, लेकिन बाद में यह जगह चीन ने ले ली। उदाहरण के लिए 2019-20 में भारत की अर्थव्यस्था की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही, जबसि चीन की अर्थव्यवस्था 2019 में 6 प्रतिशत बढ़ी। चालू वित्त वर्ष में जहां भारत की अर्थव्यवस्था में संकुचन का अनुमान लगाया जा रहा है, आईएमएफ ने 2020 में चीन की अर्थव्यवस्था में 1.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। बहरहाल आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि अगले साल चीन से आगे निकल जाएगी और इसमें 8.8 प्रतिशत की वृद्धि होगी, वहींं चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.6 प्रतिशत रहेगी।
आर्थिक सुधार के संकेत का जिक्र करते हुए सीतारमण ने अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘इस अवधि के दौरान बिना कोविड वाले वर्ष 2019 की तुलना मेंं एफडीआई प्रवाह में करीब 13 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। इस तरह की वृद्धि सिर्फ भारत में हुई है।’ उन्होंने पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स बहाल होने का भी जिक्र किया, जिससे चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में वृद्धि होने के संकेत मिलते हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम पीएमआई के हिसाब से अर्थव्यवस्था की बहाली देख सकते हैं। इसके आंकड़ों में तेजी आई है और यह 2012 के बाद सबसे ऊपर है। इससे संकेत मिलता है कि आर्थिक बहाली स्थित और टिकाऊ है। तीसरी और चौथी तिमाही में टिकाऊ सुधार होगा।’ रिपोर्ट के मुताबिक आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अगस्त मेंं 52 से बढ़कर सितंबर में 56.8 हो गया है, जो जनवरी 2012 से सबसे ज्यादा है।
वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि त्योहारी सीजन से अर्थव्यवस्था की बहाली को बल मिलेगा और उपभोक्ताओं की मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘संकेतकों से पता चलता है कि प्राथमिक सेक्टर, कृषि से जुड़े क्षेत्रों व ग्रामीण भारत में प्रदर्शन बेहतर है। पणिामस्वरूप उपभोक्ता वस्तुएं, कृषि उपकरण, और वाहनों का कारोबार तेज है। त्योहारी सीजन चल रहा है, ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि मांग बढ़ेगी और यह टिकाऊ होगी।’
सीतारमण ने इस बहाली की दिशा में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया और कहा कि भारत का ध्यान बुनियादी ढांचे पर सार्वजनिक व्यय पर होगा। उन्होंने उम्मीद जताई की राष्ट्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर की 6,000 परियोजनाएं वृद्धि की प्रमुख संचालक बनेंगी। सरकार के ध्यान के क्षेत्र में कृषि और संबंधित गतिविधियां भी हैं। सरकार ऊर्जा व फिनटेक क्षेत्र पर भी ध्यान दे रही है।
