भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्र ने कहा कि महामारी के दौर से उबरने के बाद भारत लंबे समय के लिए 8 प्रतिशत वृद्धि दर की ओर वापसी करने को तैयार है। अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा सोमवार को आयोजित न्यूयॉर्क फेड सेंट्रल बैंकिंग सेमिनार को संबोधित करते हुए पात्र ने यह बात कही, जिसे मंगलवार को रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर जारी किया गया है।
पात्र ने कहा कि रिजर्व बैंक के अनुमान से पता चलता है कि भारत की जीडीपी चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर से बढ़ेगी। उसके बाद इसकी मजबूत संभावना है कि भारत की वृद्धि 8 प्रतिशत की ओर वापसी करेगी।
पात्र ने कहा, ‘हमारे अनुमान से पता चलता है कि भारत की रियल जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत और महामारी से उबरने के चक्रीय बदलाव में 2025-26 में करीब 7 प्रतिशत रहेगी। उसके बाद भारत की वृद्धि में और मजबूती आने की संभावना है और यह 8 प्रतिशत वृद्धि के रुख की ओर वापसी करेगी।’
वैश्विक जोखिम से बचाव का सबसे बेहतर तरीका यह है कि वृहद आर्थिक धारणाएं मजबूत की जाएं और बेहतर नीतियों के समर्थन से पर्याप्त बफर तैयार किया जाए।
उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि वैश्विक जोखिमों से रक्षा का सबसे बेहतरीन तरीका वृहद आर्थिक बुनियादी धारणाएं मजबूत करना और विवेकपूर्ण व्यापक आर्थिक नीतियों के समर्थन से पर्याप्त बफर तैयार करना है।’
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 27 सितंबर 2024 को अब तक के सर्वोच्च स्तर 704.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो 11 अक्टूबर को मामूली घटकर 690.4 अरब डॉलर रह गया। यह भंडार 11.8 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है और जून के अंत में कुल बाहरी ऋण का 101 प्रतिशत है। विदेशी मुद्रा वाले प्रमुख देशों में भारत का भंडार चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।
महंगाई की स्थिति को देखें तो अनुमान से पता चलता है कि कीमत का दबाव पूरे अगस्त और नवंबर के दौरान बना रहेगा, वहीं समग्र महंगाई दर दिसंबर 2025 तक लक्ष्य भीतर बनी रहेगी।