अर्थव्यवस्था

भारत का चालू खाता पहली तिमाही में घाटे में, अप्रैल-जून तिमाही में 2.4 अरब डॉलर का नुकसान

अप्रैल-जून 2025 में भारत का चालू खाता 2.4 अरब डॉलर के घाटे में गया, सेवा क्षेत्र अधिशेष बढ़ने से नुकसान कम रहा लेकिन व्यापार घाटा बढ़ा

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अभिजित लेले   
Last Updated- September 01, 2025 | 11:04 PM IST

भारत का चालू खाते का अधिशेष 2025-26 की अप्रैल जून तिमाही (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) में  2.4 अरब डॉलर के घाटे में पहुंच गया। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.2 प्रतिशत है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बयान में बताया कि चालू खाते का अधिशेष जनवरी-मार्च 2025 (वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही) में 13.5 अरब डॉलर अधिशेष (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) दर्ज किया गया था।  

भारतीय रिजर्व बैंक ने बयान में बताया कि अप्रैल-जून 2024 (वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही) में चालू खाते का घाटा 8.6 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.9 प्रतिशत) था। रिजर्व बैंक के आंकड़ों से जानकारी मिली कि सेवा क्षेत्र के व्यापार का अधिशेष बढ़ने के कारण चालू खाते का घाटा सालाना आधार पर कम हुआ है। सेवा क्षेत्र के व्यापार का अधिशेष वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के 39.7 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 47.9 अरब डॉलर हो गया था। प्रमुख श्रेणियों जैसे कंप्यूटर सेवाओं और बिजनेस सेवाओं में सेवा क्षेत्र सालाना आधार पर वृद्धि हुई। वस्तु व्यापार घाटा वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के 63.8 अरब डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में बढ़कर 68.5 अरब डॉलर हो गया।  

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘भारत का चालू खाता वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में परिवर्तित होकर घाटे में आ गया। लेकिन यह हमारे अनुमान (7 अरब डॉलर) से कहीं कम था। यह जीडीपी का मात्र 0.2 प्रतिशत 2.4 अरब डॉलर रहा।’विदेश से कहीं अधिक धन आने के कारण मुख्य तौर पर आश्चर्य हुआ। यह इस तिमाही में सालाना आधार पर 18 प्रतिशत से अधिक था। नायर ने कहा कि यह शुल्क के हालिया बदलाव के मुद्देनजर अनिश्चितता पनपने के कारण शुभ संकेत है।

First Published : September 1, 2025 | 11:04 PM IST