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बिजली और उर्वरक उत्पादन में गिरावट, मई में बुनियादी उद्योगों की ग्रोथ 9 माह के निचले स्तर पर

मई में आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि 0.7 फीसदी रही, बिजली, उर्वरक और गैस उत्पादन में गिरावट, जबकि सीमेंट और स्टील क्षेत्र में सुधार दर्ज किया गया।

Last Updated- June 20, 2025 | 9:54 PM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

भारत के आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों की उत्पादन वृद्धि मई में कम होकर 0.7 फीसदी रह गई, जो बीते नौ महीने में सबसे कम है। अप्रैल में यह आंकड़ा 1 फीसदी था और आधे क्षेत्रों के उत्पादन में इस बार काफी गिरावट आई है।

पिछले नौ महीनों में पहली बार बिजली उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई और यह जून 2020 के बाद सबसे कम होते हुए मई में 5.8 फीसदी घट गया। कच्चे तेल के उत्पादन में 1.8 फीसदी कमी आई है, जो लगातार पांचवें महीने कम रहा।

उर्वरकों के उत्पादन में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है और मई में यह 5.9 फीसदी घट गया, जो पिछले साल फरवरी के बाद सबसे तेज गिरावट है। प्राकृतिक गैस का उत्पादन लगातार 11वें महीने कम रहा और इसमें 3.6 फीसदी गिरावट आई।

सकारात्मक पहलू की बात करें तो मई में सीमेंट उत्पादन में सुधार आया है और यह अप्रैल के छह महीने के निचले स्तर 6.3 फीसदी से सुधरकर मई में इसमें 9.2 फीसदी बढ़ोतरी आई। स्टील के उत्पादन में भी तेजी आई और मई में इसमें 6.7 फीसदी इजाफा देखा गया, जो अप्रैल में 4.4 फीसदी ही था। अप्रैल में इसमें उत्पादन का आंकड़ा सबसे कम रहा था।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘इससे स्पष्ट होता है कि बुनियादी ढांचा गतिविधियों में तेजी आने से स्टील उत्पादन को मदद मिली है। इस वृद्धि के लिए निर्माण और वाहन के अलावा पूंजीगत वस्तुओं की मांग को प्रमुख कारण बताया जा सकता है। सीमेंट ने भी दमदार प्रदर्शन किया है, जो पूंजीगत व्यय में सरकार की गतिविधियों को दर्शाता है।’

कोयला उत्पादन की वृद्धि दर अप्रैल के 3.5 फीसदी से थोड़ी कम होकर 2.8 फीसदी हो गई, जबकि रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन अप्रैल में 4.5 फीसदी गिरने के बाद मई में 1.1 फीसदी बढ़ गया।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठ प्रमुख क्षेत्रों की 40.27 फीसदी हिस्सेदारी है। यह मार्च में 3.94 फीसदी के संशोधित आंकड़े से कम होकर अप्रैल में आठ महीने के निचले स्तर 2.7 फीसदी रह गया था। अर्थशास्त्रियों को लग रहा है कि मई में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 1.5 से 2 फीसदी तक रह सकती है।

पिछले महीने की वृद्धि इसलिए भी कम रही क्योंकि मुख्य औद्योगिक सूचकांक (आईसीआई) पिछले साल मई में 6.9 फीसदी बढ़ा था, जो 13 महीने में सबसे बड़ा आंकड़ा था।

इक्रा रेटिंग्स के वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल अग्रवाल ने कहा, ‘मई के अंत तक मॉनसून आ जाने के कारण काफी बारिश हुई, जिससे बिजली एवं खनन क्षेत्रों के प्रदर्शन पर असर पड़ने की आशंका है। मगर स्टील, सीमेंट, रिफाइनरी उत्पादों का एक साल पहले के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन रहा और कच्चे तेल का प्रदर्शन इस साल अप्रैल  बेहतर था, जिससे कहीं न कहीं अन्य क्षेत्रों के प्रदर्शन में गिरावट की भरपाई हो सकी।’

First Published - June 20, 2025 | 9:43 PM IST

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