आयकर विभाग ने शून्य या कम अग्रिम कर भरने वाले 3 से 5 लाख करदाताओं को अप्रैल से अगस्त के बीच नोटिस भेजे हैं। विभाग ने पिछले वित्त वर्ष और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हुए महत्त्वपूर्ण लेनदेन के आंकड़े खंगालने के बाद ये नोटिस जारी किए हैं।
आयकर विभाग के विश्लेषण में करीब 25 लाख मामलों का पता चला है जिनमें अच्छी खासी आय वाले या कीमती सामान खरीदने वाले करदाताओं ने अग्रिम कर नहीं चुकाया या पिछले वित्त वर्ष में कम कर भरा।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि कई मामलों में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भरे गए अग्रिम कर से पता चलता है कि करदाताओं ने जितनी महंगी खरीदारी की, उसकी तुलना में काफी कम कर चुकाया। इससे गड़बड़ी का पता चलता है।
आयकर विभाग ने यह कदम अग्रिम कर की दूसरी किस्त भरे जाने से पहले उठाया है। दूसरी किस्त 15 सितंबर तक चुकाई जानी है।
सूत्रों ने कहा कि पिछले 3-4 साल में करदाता अग्रिम कर चुकाने से बचते दिखे हैं। ऐसे अभियान से करदाताओं को कर वंचना से रोकने में मदद मिलेगी।
किसी भी वित्त वर्ष में अग्रिम कर का भुगतान चार किस्तों – जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च में किया जाता है। करदाता अपनी अनुमानित आय के हिसाब से अग्रिम कर भरते हैं और इससे विभाग को आने वाले महीनों में संभावित कर संग्रह का अनुमान लगाने में मदद मिलती है।
आम तौर पर कुल कर देनदारी का 15 फीसदी कर जून में, 45 फीसदी सितंबर तक, 75 फीसदी दिसंबर तक चुका दिया जाता है और मार्च में पूरा कर भर दिया जाता है।
अप्रैल से जुलाई के बीच सकल कर प्राप्तियां केवल 2.8 फीसदी बढ़ी है और शुद्ध कर राजस्व में करीब 13 फीसदी की कमी देखी गई। ऐसे में सरकार प्रत्यक्ष कर में आ रही कमी की खामियों को दूर करने की संभावना तलाश रही है।
ईवाई इंडिया में नैशनल टैक्स लीडर सुधीर कपाड़िया ने कहा, ‘इस कदम से कर प्राप्तियों में तेजी आएगी और संबंधित करदाता को समय पर कर भुगतान करने के लिए आगाह भी किया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘महंगी खरीदारी के आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद विभाग स्थायी खाता संख्या (पैन) बताकर की गई खरीदारी के एवज में संभावित कर योग्य आय की वसूली कर सकता है। ऐसा भी हो सकता है करदाताओं द्वारा पहली किस्त में कम अग्रिम कर का भुगतान होने के बाद कर विभाग उन्हें नोटिस भेजकर प्रेरित करे कि वह समय पर और समुचित राशि का अग्रिम कर चुकाएं।’
जिन मामलों में नोटिस भेजे गए हैं, उनमें से फार्मा, स्वास्थ्य सेवा, रसायन जैसे क्षेत्रों से जुड़े कुछ करदाताओं की वित्त वर्ष 2023 में आय अच्छी-खासी रही थी लेकिन उनकी अनुमानित आय अपेक्षाकृत कम दिखाई गई और पहली किस्त में अग्रिम कर भी बहुत कम चुकाया गया।
उन करदाताओं को भी नोटिस भेजे गए हैं, जिन्होंने पिछले वर्ष में शेयर बाजार में अच्छा मुनाफा कमाया है और महंगी अचल संपत्तियां, वाहन, फार्म हाउस आदि खरीदे हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म चोकसी ऐंड चोकसी में वरिष्ठ पार्टनर मितिल चोकसी ने कहा, ‘इसकी कई वजह हो सकती हैं जैसे रुपये में नरमी, मुद्रास्फीति, ब्याज पर अधिक खर्च और कुल उच्च लागत। इसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष के लिए अनुमानित आय कम रहती है। वित्तीय सेवा क्षेत्र में इस तरह की स्थिति हो सकती है, जहां बैंकों ने पिछले साल की तुलना में कम शुद्ध ब्याज आय का अनुमान लगाया हो।’