facebookmetapixel
Q2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारासरकार ने 14 वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश वापस लिए, उद्योग को मिलेगा सस्ता कच्चा माल!DHL भारत में करेगी 1 अरब यूरो का निवेश, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में होगा बड़ा विस्तारमोंडलीज इंडिया ने उतारा लोटस बिस्कॉफ, 10 रुपये में प्रीमियम कुकी अब भारत मेंसुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोकदिल्ली और बेंगलूरु के बाद अब मुंबई में ड्रोन से होगी पैकेज डिलिवरी, स्काई एयर ने किया बड़ा करारदम घोंटती हवा में सांस लेती दिल्ली, प्रदूषण के आंकड़े WHO सीमा से 30 गुना ज्यादा; लोगों ने उठाए सवाल

अंधाधुंध नहीं खर्च किया जाएगा प्रोत्साहन का धन : सान्याल

Last Updated- December 14, 2022 | 11:00 PM IST

मुख्य आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने आज कहा कि सरकार अगले दौर के प्रोत्साहन पैकेज पर सोच विचारकर धन खर्च करेगी, जिसका मसकद संपत्ति सृजन के माध्यम से अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाना होगा।
पीएचडी चैंबर आफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के 115वेंं सालाना सम्मेलन मेंं सान्याल ने कहा, ‘हम वित्तीय हिसाब से रूढि़वादी सरकार हैं क्योंकि हम राजकोषीय अनुमानों से चिपके रहते हैं। हमारा कर्ज जीडीपी अनुपात तमाम देशों से बहुत कम है और ऐसे में मांग बढ़ाने की अनुमति देने का मामला बनता है। लेकिन हम अंधाधुंध खर्च नहीं करेंगे। हम जो भी खर्च करेंगे, उसे लेकर सावधान रहेंगे।’  
उन्होंने कहा कि सरकार की मांग बहाल करने की कवायदों में बुनियादी ढांचा विकास अहम हिस्सा रहेगा और इसके लिए बजट से इतर संसाधन मुहैया कराया जाएगा।
सरकार के आर्थिक सलाहकार ने जोर दिया कि मांग से संचालित कोई महंगाई अब तक नजर नहीं आ रही है। उन्होंने कहा, ‘अगर आप थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) और खुदरा मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में अंतर देखें तो आपको पता चलेगा कि सीपीआई का ज्यादा स्तर लॉकडाउन के कारण हुए व्यवधानों की वजह से है। विनिमय दर बहुत ज्यादा दबाव में है और भारत के चालू खाते में बड़ा अधिशेष है। इससे संकेत मिलते हैं कि हम आंतरिक मांग बढ़ाने की कवायद कर सकते हैं।’  
इस कार्यक्रम में मॉर्गन स्टैनली इंडिया के प्रबंध निदेशक ऋधम देसाई ने सरकार के हाल के सुधार के कदमों, खासकर कृषि एवं श्रम कानून में बदलाव का स्वागत करते हुए अनुमान जताया कि अगले 10 साल में विनिर्माण आउटपुट तीन गुना हो जाएगा क्योंकि भारत आकर्षक निवेश केंद्र होगा। देसाई ने कहा, ‘पूंजीगत व्यय की कमी भारत की वृद्धि का सबसे बड़ा व्यवधान रहा है क्योंकि ज्यादातर एफडीआई मौजूदा कारोबार को खरीदने पर केंद्रित रहा है, न कि उपक्रम बनाने पर। जीएसटी, रेरा अधिनियम दिवाला संहिता, श्रम एवं कृषि कानून में बदलाव से पूंजीगत व्यय से जुड़ी अर्थव्यवस्था की बड़ी समस्या का समाधान होगा।’

First Published - October 7, 2020 | 11:23 PM IST

संबंधित पोस्ट