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आईएमएफ ने आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 9.5 प्रतिशत रखा

Last Updated- December 12, 2022 | 12:18 AM IST

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की वृद्धि दर का अनुमान 9.5 प्रतिशत बरकरार रखा है। हालांकि आईएमएफ ने आपूर्ति संबंधी बाधाओं और कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए 2021 के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि का अनुमान 10 आधार अंक घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है।  
आईएमएफ ने अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में अगले वित्त वर्ष के दौरान भारत के  सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है और जुलाई के अनुमानों में कोई बदलाव नहीं किया है।
वहीं 2020 के लिए वैश्विक आर्थिक वृद्धि 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
हालांकि आईएमएफ ने 2021 और 2022 के लिए चीन के जीडीपी वृद्धि के अनुमान में 10 आधार अंक की कटौती की है और इसे क्रमश: 8 और 5.6 प्रतिशत रखा है।
इसके साथ भारत को एक बार फिर वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 2023 दोनों में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज बढऩे वाली अर्थव्यवस्था का तमगा मिल गया है। 2020 में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में महज चीन ने वृद्धि दर्ज की थी। पिछले साल जहां चीन की वृद्धि दर 2.3 प्रतिशत थी, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत का संकुचन आया था।
कोष ने भारत के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर भी चालू वित्त वर्ष के दौरान घटकर 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल 6.2 प्रतिशत था। अगले वित्त वर्ष के दौरान यह घटकर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो पहले लगाए 6.3 प्रतिशत अनुमान की तुलना में 1.4 प्रतिशत कम है। इसके पहले दो और निकायों, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) और भारतीय रिजर्व बैंक व स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स ने वित्त वर्ष  22 में भारत की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

First Published - October 12, 2021 | 11:23 PM IST

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