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पारादीप इकाई से नैनो डीएपी का उत्पादन शीघ्र शुरू कर सकता है इफ्को; PM मोदी ने कहा- किसानों की जिंदगी होगी आसान

Published by
संजीब मुखर्जी
Last Updated- March 05, 2023 | 11:55 PM IST

उर्वरक प्रमुख इफ्को ओड़ीशा स्थित पारादीप संयंत्र से अगले कुछ महीनों में नैनो डी अमोनिया फॉस्फेट (DAP) का उत्पादन संभवत शुरू कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक बाद में अन्य इकाइयों से भी क्रमश: DAP का उत्पाद शुरू होगा। कंपनी का शीर्ष प्रबंधन उत्पादन की विस्तृत योजना और अन्य लक्ष्यों को अंतिम रूप देगा।

वरिष्ठ अधिकारी यह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि यदि सभी मंजूरियां समय पर मिल जाती हैं तो भारत के किसानों को आने वाली खरीफ सीजन या उससे पहले भी नैनो डीएपी मिल जानी चाहिए। खरीफ फसल की बोआई दक्षिण पश्चिम मानसून के आने पर जून में होती है। इफ्को की कंपनी वेबसाइट के मुताबिक पारादीप संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता 23.1 लाख टन सल्फ्युरिक एसिड, 8.7 लाख टन फास्फॉरिक एसिड और 19.2 लाख टन डीएपी है।

देश में यूरिया के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला उर्वरक डीएपी है। डीएपी की सालाना खपत करीब एक करोड़ से 1.25 करोड़ टन है। इसमें डीएपी का स्थानीय उत्पादन करीब 40-50 लाख टन है जबकि शेष का आयात किया जाता है।

केंद्र के उर्वरक नियंत्रण आर्डर (Fertilizer Control Order) अधिसूचित करने के बाद बीते दिन नैनो डीएपी के त्वरित कमर्शियल ऐप्लीकेशन को स्वीकृति मिली। कुछ साल पहले नैनो यूरिया लॉन्च किया गया है। इस तरह यह उत्पादन पर आधारित दूसरा प्लेटफार्म है। उर्वरक नियंत्रण आर्डर एक अधिनियम है। यह अधिनियम भारत में उर्वरक के दाम, मूल्य, वितरण और अन्य औपचारिकताओं को नियमित करता है। नैनो डीएपी का उत्पादन इफ्को ने निजी कंपनी कोरोमंडल के सहयोग से संयुक्त रूप से किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मंजूरी का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह हमारे किसान भाइयों और बहनों की जिंदगी आसान बनाने के लिए बड़ा कदम है। विशेषज्ञों के मुताबिक नैनो डीएपी के कई फायदे हैं और यह घरेलू सब्सिडी और विदेशी मुद्रा की बचत भी करेगा। इसका कारण यह है कि नैनो डीएपी की 500 लीटर की बोतल की कीमत करीब 600 रुपये होने की उम्मीद है। हालांकि वर्तमान समय में 50 किलोग्राम सब्सिडी वाली डीएपी की बोरी के लिए किसान करीब 1350 रुपये अदा करता है। इस बोरी पर सब्सिडी 60-70 फीसदी होती है। इसका मतलब यह है कि बाजार में डीएपी की कीमत करीब 2200-2400 रुपये होनी चाहिए।

अधिकारियों ने दावा किया कि सब्सिडी की बचत के अलावा नैनो-डीएपी के कई अन्य फायदे भी हैं। इसका खास फोलियर फार्मुलेशन फसलों को नैनो नाइट्रोजन (8.0 फीसदी) और फास्फोरस (16.0 फीसदी) मुहैया करवाता है। नैनो डीएपी सभी फसलों के बीज प्राइमर, विकास करने, उत्पादन बढ़ाने और गुणवत्ता बूस्टर के लिए लाभदायक है।

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अनुकूल परिस्थितियों में नैनो डीएपी की न्यूट्रिएंट-यूज एफिशियंसी (NUE) 90 फीसदी से अधिक है। अधिकारियों ने परीक्षणों के हवाले से दावा किया कि नैनो-डीएपी से बीज अंकुरण, अंकुरण वृद्धि, जड़ें ज्यादा गहरी, पौधे का अधिक विकास, फसल की उत्पादकता व गुणवत्ता अधिक होती है। साथ ही उर्वरक की लागत घटती है। इससे किसान की आमदनी बढ़ती है। इसके अलावा नैनो डीएपी को लाना ले जाना और भंडारण करना आसान है। इसे आसानी से एक बोतल में रखा जा सकता है।

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 24 के बजट में उर्वरक सब्सिडी 1,71,100 करोड़ रुपये आंकी है। इसमें यूरिया की सब्सिडी करीब 1,31,099.92 करोड़ रुपये और गैर यूरिया उर्वरक की सब्सिडी 44,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। वित्त वर्ष 23 में संशोधित उर्वरक सब्सिडी में यूरिया और गैर यूरिया सब्सिडी का अनुमान 225,220 करोड़ रुपये था।

First Published : March 5, 2023 | 11:54 PM IST