वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण आई वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद नरेंद्र मोदी सरकार महंगाई दर पर काबू पाने में सफल रही है। वित्त मंत्री ने राज्यसभा में आम बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 का बजट अर्थव्यवस्था में स्थिरता, निरंतरता तथा कराधान के मामले में भरोसा लाने के लिए है। उन्होंने कहा कि बजट का मकसद सतत आर्थिक पुनरुद्धार हासिल करना है और इससे नौकरियों का सृजन होगा।
सरकार द्वारा विदेश में बने ड्रोन पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद वित्त मंत्री ने ड्रोन शक्ति प्रस्तावों की प्रशंसा की और कहा कि ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कृषि के आधुनिकीकरण में किया जाएगा।
सीतारमण ने देश में बढ़ी कीमतों को लेकर हो रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि 2020-21 में औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर 6.2 प्रतिशत रही जब महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को 9.57 लाख करोड़ रुपये नुकसान हुए। उन्होंने कहा कि इसकी तुलना में 2008 के वित्तीय संकट में, जब अर्थव्यवस्था का आकार 2.12 लाख करोड़ रुपये कम हुआ था, तब औसत महंगाई दर 9.1 प्रतिशत थी।
सीतारमण ने यह भी कहा कि राजस्व व्यय की तुलना में पूंजीगत व्यय का प्रभाव व्यापक होता है और इसलिए सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में वृद्धि पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार स्टार्टअप को भी बढ़ावा दे रही है जिसके फलस्वरूप महामारी के दौरान कई यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) बने हैं।
सीतारमण ने यह भी कहा कि आर्थिक समीक्षा और बजट में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के अनुमान को लेकर अंतर कोई चिंता की बात नहीं है। इस अंतर का कारण अलग-अलग स्रोत से लिए गए आंकड़े हैं। सार्वजनिक व्यय के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि 7.5 लाख करोड़ रुपये के व्यय से व्यापक स्तर पर रोजगार सृजित होंगे।
उन्होंने कहा कि मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) मांग आधारित कार्यक्रम है। इसके लिए 73,000 करोड़ रुपये का आबंटन किया गया है और अगर मांग बढ़ती है, राशि बढ़ाई जाएगी।
सीतारमण ने कहा कि उर्वरक सब्सिडी के लिए 2021-22 के बजट में 79,530 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था जो संशोधित अनुमान में बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह बताता है कि सरकार जरूरत का ध्यान रखती है और आवश्कता अनुसार कदम उठाती है।
विपक्षी दलों के छोटे उद्योगों के बंद होने के आरोप पर उन्होंने कहा कि 67 प्रतिशत एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) लॉकडाउन की वजह से अस्थाई रूप से बंद हुए थे। सीतारमण ने कहा कि 2014 में राजग के सत्ता में आने के बाद केवल 6 बार महंगाई दर संतोषजनक सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर गई है। यह बताता है कि महंगाई दर प्रबंधन मजबूत है।उल्लेखनीय है कि सरकार ने रिजर्व बैंक को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। उन्होंने कहा कि नरमी या मंदी का सवाल ही नहीं है क्योंकि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्त मंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में कहा कि इस पर पाबंदी लगेगी या नहीं, यह निर्णय जारी विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यह वैध है या नहीं, यह अलग सवाल है लेकिन मैंने इससे प्राप्त लाभ पर कर लगाने का प्रस्ताव किया है क्योंकि यह हमारा संप्रभु अधिकार है।