अर्थव्यवस्था

Budget 2025: इनकम टैक्स रेट घटाने की तैयारी में सरकार – रिपोर्ट

इसका मकसद मध्यम वर्ग को राहत देना और खर्च बढ़ाना है, क्योंकि धीमी आर्थिक बढ़त और महंगाई ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।

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एजेंसियां   
Last Updated- January 07, 2025 | 8:47 PM IST

भारत सरकार फरवरी के बजट में 15 लाख रुपये सालाना तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्स में कटौती पर विचार कर रही है। इसका मकसद मध्यम वर्ग को राहत देना और खर्च बढ़ाना है, क्योंकि धीमी आर्थिक बढ़त और महंगाई ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। यह जानकारी दो सरकारी अधिकारियों ने रॉयटर्स को दी।

अगर यह कदम उठाया गया तो यह लाखों करदाताओं को राहत दे सकता है। हालांकि, इसका लाभ उन्हें ही मिलेगा जो 2020 में शुरू की गई नई टैक्स प्रणाली अपनाते हैं जिसमें हाउस रेंट और बीमा जैसी छूट शामिल नहीं हैं।

दो टैक्स सिस्टम का विकल्प:

भारत में करदाताओं के पास दो टैक्स सिस्टम का विकल्प है।

पुरानी प्रणाली: इसमें हाउस रेंटल और बीमा जैसी छूट मिलती है।
नई प्रणाली (2020 से लागू): इसमें टैक्स दरें थोड़ी कम हैं, लेकिन प्रमुख छूटें नहीं मिलतीं।

नई प्रणाली के तहत, 3 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर 5% से 20% तक टैक्स लगता है। 15 लाख रुपये से अधिक आय पर 30% टैक्स दर लागू होती है।

टैक्स कटौती पर विचार जारी:

सूत्रों ने बताया कि टैक्स कटौती के आकार पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इस पर अंतिम निर्णय 1 फरवरी को बजट के करीब लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स दरें कम होने से ज्यादा लोग नई प्रणाली को अपनाएंगे, जो सरल है। भारत को इनकम टैक्स का बड़ा हिस्सा उन लोगों से मिलता है, जिनकी आय 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक है। इन पर 30% की टैक्स दर लागू होती है।

अर्थव्यवस्था और राजनीतिक दबाव:

मध्यम वर्ग के हाथों में ज्यादा पैसा आने से अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सकती है। फिलहाल, भारत की अर्थव्यवस्था जो दुनिया में पांचवें स्थान पर है, जुलाई-सितंबर तिमाही में सात तिमाहियों में सबसे धीमी गति से बढ़ी। साथ ही, बढ़ती खाद्य महंगाई के चलते साबुन-शैंपू से लेकर कार और टू-व्हीलर तक की मांग पर असर पड़ रहा है। सरकार पर बढ़ते टैक्स और वेतन में धीमी बढ़ोतरी को लेकर मध्यम वर्ग का राजनीतिक दबाव भी बना हुआ है। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

 

First Published : December 26, 2024 | 7:20 PM IST