लोगों की तकलीफ कम करने के लिए वित्त मंत्रालय अतिरिक्त राहत उपायों से गुरेज नहीं करेगा। एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि सरकार आगे भी राहत देने के लिए पूरी तरह तैयार है और आवश्यकता पड़ी तो इससे पीछे नहीं हटेगी। सूत्र ने कहा सरकार के समक्ष सभी विकल्प खुले हैं। सूत्र ने कहा कि हाल में आर्थिक गतिविधियों में तेजी पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की छाप मिलती है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण में सुधार और निर्यात में तेजी इस बात का पुख्ता सबूत हैं कि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम कारगर साबित हो रहे हैं। सूत्र ने कहा कि सरकार कोविड-19 के नकारात्मक प्रभावों के प्रति हमेशा सचेत रही है और यही वजह है कि वित्त मंत्रालय ने पूरी सक्रियता से लगातार उन क्षेत्रों और लोगों को मदद दे रही है, जिन्हें इसकी सर्वाधिक आवश्यकता है।
सूत्र ने कहा कि सरकार 27 मार्च का प्रधानमंत्री गरीब किसान कल्याण पैकेज और फिर 12 मई को आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की थी। इस तरह, सरकार ने कुल मिलाकर राहत के तौर पर 20 लाख करोड़ रुपये के उपाय किए थे। सूत्र ने कहा कि इसके बाद भी आलोचक कह रहे हैं कि सरकार ने मांग को मजबूती देने के लिए कुछ नहीं किया। सूत्र ने कहा कि आखिर यह मदद नहीं तो और क्या है।