सरकार संचालित बंदरगाहों पर जून में चक्रवात बिपरजॉय के कारण यातायात लगभग सपाट था लेकिन इसमें जुलाई में सालाना आधार पर 4.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। यह जानकारी भारतीय बंदरगाह एसोसिएशन (आईपीए) के अनंतिम आंकड़ों में दी गई है। देश के प्रमुख 12 बंदरगाहों में जुलाई के दौरान करीब 6.62 करोड़ टन माल की ढुलाई हुई।
इन बंदरगाहों पर वित्त वर्ष 24 में संचयी रूप से 2665.1 लाख टन कच्चे माल और वस्तुओं की ढुलाई हुई थी और इस वित्त वर्ष में बीते वर्ष की तुलना में 2.35 फीसदी की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2023-24 में प्रमुख जिंसों जैसे कच्चे तेल और कोयले में थोड़ी वृद्धि हुई या कमी हुई जबकि कुकिंग कोयले (10 प्रतिशत), लौह अयस्क के पेलेट्स (30 प्रतिशत) और उर्वरक में (54 प्रतिशत) जबरदस्त वृद्धि नजर आई। इस अवधि के दौरान कंटेनर की ढुलाई में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
जुलाई के दौरान ढुलाई में तेजी से बढ़ोतरी हुई। इससे वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि 1.7 फीसदी हुई। कोविड महामारी के बाद से सरकार संचालित बंदरगाहों में हर साल 7 से 9 फीसदी की वृद्धि हो रही थी लेकिन इस वित्त वर्ष में घट रहा है। इसका कारण यह है कि अप्रैल और जून में सालाना आधार पर नगण्य वृद्धि दर्ज हुई। केंद्र प्रमुख बंदरगाहों से वस्तुओं की ढुलाई बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रहा है। इसके लिए सरकार ने कई परियोजनाएं भी शुरू की हैं।
हालांकि गैर प्रमुख बंदरगाहों में राज्य संचालित बंदरगाह और निजी बंदरगाह शामिल हैं।