Stock Market Outlook: भारतीय शेयर बाजार की दिशा इस हफ्ते (27 अक्टूबर-31 अक्टूबर) कई अहम कारकों से तय होगी। कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों का सीजन, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों को लेकर और प्रमुख आर्थिक आंकड़े बाजार को दिशा तय करेंगे। एनालिस्ट्स ने यह राय दी है। एनालिस्ट्स ने कहा कि विदेशी निवेशकों की व्यापारिक गतिविधियों और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।
बाजार के जानकारों का कहना है कि ने कहा कि भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर प्रगति पर निवेशकों का विशेष ध्यान रहेगा। चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के नतीजों का सीजन बाजार की दिशा तय करता रहेगा। कई बड़ी कंपनियां इस हफ्ते अपने वित्तीय परिणाम घोषित करेंगी। इन नतीजों से निवेशकों की धारणा और बाजार का मूड प्रभावित हो सकता है।
निवेशक सबसे पहले कोटक महिंद्रा बैंक के नतीजों पर प्रतिक्रिया देंगे। इसके बाद आईओसी, टीवीएस मोटर कंपनी, लार्सन एंड टुब्रो, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, आईटीसी, सिप्ला, डाबर, मारुति और एसीसी के नतीजों पर सभी की निगाह रहेगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट अजित मिश्रा ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर 28 अक्टूबर को आने वाले सितंबर माह के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) आंकड़ों पर नजर रहेगी। वैश्विक स्तर पर निवेशकों का फोकस अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले पर केंद्रित रहेगा। फेडरल रिजर्व 29 अक्टूबर को ब्याज दरों पर अपना फैसला सुनाएगा।
मिश्रा ने कहा कि इसके अलावा निवेशकों की नजर अमेरिका-चीन के राष्ट्रपति की निर्धारित बैठक से जुड़े घटनाक्रमों पर भी रहेगी। इससे व्यापार तनाव और कम हो सकता है और वैश्विक बाजारों पर असर पड़ सकता है।
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भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के बेहद करीब पहुंच गए हैं और जल्द ही समझौते को अंतिम रूप दिया जा सकता है। दोनों पक्ष प्रस्तावित समझौते के कानूनी पहलुओं पर काम शुरू कर चुके हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि वाशिंगटन में पिछले सप्ताह हुई वार्ता के अंतिम दौर के बाद दोनों पक्षों में ज्यादातर मुद्दों पर सहमति दिख रही है। इससे संकेत मिलता है कि लंबे समय से अटके इस व्यापार समझौते को जल्द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है। मगर वह राजनीतिक स्तर पर अंतिम मंजूरी पर भी निर्भर करेगा।
अधिकारी ने कहा, ‘ज्यादातर मुद्दों पर हमारी सहमति बन चुकी है। हम समझौते के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। अब कोई खास मतभेद (दोनों पक्षों के बीच) नहीं रह गया है और बातचीत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। जहां तक कृषि जैसे पिछले विवादास्पद मुद्दों का सवाल है तो हम कुछ साझा आधार तलाश रहे हैं।’
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भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को लाल निशान के साथ बंद हुए। बाजार बंद होने पर, सेंसेक्स 84,211.88 पर था, जो 344.52 अंक या 0.41% की गिरावट को दर्शाता है। इसके अलावा निफ्टी 25,795.15 पर बंद हुआ, जो 96.25 अंक या 0.37% नीचे है। निवेशकों ने मुनाफावसूली की और भारत-अमेरिका व्यापार को लेकर सतर्कता बरती।