भारत की सबसे बड़ी सूचीबद्ध दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटेल (Airtel) का शेयर हाल में प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) ज्यादा होने, बाजार के स्थिर ढांचे और राजस्व के नए स्रोतों की उम्मीदों के कारण सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया।
पिछले एक साल में इस शेयर ने बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है और निफ्टी के 5.7 फीसदी के मुकाबले 21 फीसदी की बढ़त दर्ज की है। ब्रोकरेज फर्मों से मिले अपग्रेड और तेज़ी के अनुमान के साथ विश्लेषकों को इसमें और बढ़ोतरी की उम्मीद है, खासकर अगर एयरटेल 2025-26 की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान बाजार के अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन रहता है।
अगला उछाल 3 नवंबर को जारी होने वाले कंपनी की दूसरी तिमाही के नतीजों से आ सकता है। बोफा सिक्योरिटीज को उम्मीद है कि एयरटेल विभिन्न सेगमेंट में सतत वृद्धि के बल पर मजबूत आंकड़े पेश करेगी। सचिन सालगांवकर की अगुआई में विश्लेषकों का अनुमान है कि एयरटेल इस तिमाही की समाप्ति 36.57 करोड़ मोबाइल ग्राहकों और तिमाही आधार पर एआरपीयू में अनुमानित 2 फीसदी की वृद्धि के साथ कर सकती है।
कंपनी अपने फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) कारोबार का विस्तार जारी रखे हुए है। इसलिए घरेलू कारोबार से होने वाला राजस्व तिमाही आधार पर 5 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। कम मार्जिन वाले थोक वॉयस कारोबार से बाहर निकलने का असर खत्म हो गया है और अब एंटरप्राइज राजस्व में भी तिमाही आधार पर वृद्धि की संभावना है।
एयरटेल का एकीकृत परिचालन लाभ मार्जिन 56.4 फीसदी पर स्थिर रहने की संभावना है जबकि ब्रॉडबैंड को छोड़कर पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) क्रमिक आधार पर कम रह सकता है।
प्रतिद्वंद्वी रिलायंस जियो ने दूसरी तिमाही में एआरपीयू में क्रमिक आधार पर 1.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जिसमें लंबी तिमाही का भी योगदान रहा। जेफरीज ने कहा कि ग्राहकों की संख्या में वृद्धि और एआरपीयू उम्मीद से थोड़ा कम रही। हालांकि एफडब्ल्यूए ग्राहकों में निरंतर वृद्धि से आने वाली तिमाहियों में राजस्व और आय को समर्थन मिल सकता है।
टैरिफ में बढ़ोतरी और एआरपीयू में इजाफा एयरटेल के शेयर के लिए प्रमुख मददगार बने हुए हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में एयरटेल का एआरपीयू 250 रुपये रहा जो उद्योग में सबसे अधिक है। वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में टैरिफ में अपेक्षित वृद्धि से एआरपीयू और बढ़ सकता है, जिससे परिचालन मार्जिन और भविष्य के निवेशों के लिए मुक्त नकदी प्रवाह (एफसीएफ) में इजाफा हो सकता है। एयरटेल का लक्ष्य अल्पावधि से मध्यम अवधि में एआरपीयू को 300 रुपये तक ले जाना है। ब्रोकरेज ने खरीद की रेटिंग के साथ एक साल का 2,244 रुपये का लक्ष्य दिया है।
क्लाउड सेवाओं में एयरटेल की बढ़ती उपस्थिति और उसके बढ़ते एंटरप्राइज़ कारोबार भी सकारात्मक पहलू हैं। जेफ़रीज के विश्लेषक अक्षत अग्रवाल और आयुष बंसल का कहना है कि मजबूत एंटरप्राइज नेटवर्क, इन-हाउस इन्फ्रास्ट्रक्चर, डीपक्लाउड विशेषज्ञता और मजबूत एफसीएफ के बल पर कंपनी भारत के क्लाउड बाजार में मजबूत स्थिति में है।
क्लाउड बाज़ार के 2029-30 (वित्त वर्ष 30) तक 38 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इससे एयरटेल को 2024-25 (वित्त वर्ष 25) से लेकर वित्त वर्ष 30 तक 1 से 3 फीसदी की सालाना राजस्व वृद्धि मिल सकती है। जेफ़रीज को उम्मीद है कि स्थिर मोबाइल वृद्धि और इससे जुड़े कारोबारों के विस्तार से एयरटेल की स्थिति मजबूत होगी। उसने 2,500 रुपये की लक्षित कीमत के साथ इसे खरीद रेटिंग दी है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज़ ने भी दूरसंचार क्षेत्र पर अपनी राय अपग्रेड की है। उसके कवरेज में एयरटेल और जियो प्लेटफॉर्म्स दोनों शामिल हैं। संजेश जैन की अगुआई में विश्लेषकों का अनुमान है कि एयरटेल के मोबाइल परिचालन लाभ को स्थिर ग्राहक वृद्धि (2 फीसदी), क्रमिक टैरिफ सुधार और परिचालन बढ़त से लाभ मिलेगा।
4जी रोलआउट पूरा होने और 5जी विस्तार की गति धीमी होने से पूंजीगत व्यय कम रहने की संभावना है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि एयरटेल का एफसीएफ (परिचालन लाभ में से पूंजीखर्च कम करने पर) वित्त वर्ष 25 में 20,800 करोड़ रुपये से बढ़कर 2027-28 में 58,600 करोड़ रुपये हो जाएगा। मजबूत एफसीएफ और उदार लाभांश निवेशित पूंजी कम करने और नियोजित पूंजी पर रिटर्न में तेजी से सुधार में मददगार होंगे। इससे एयरटेल दुनिया भर में सबसे कुशल दूरसंचार कंपनियों में से एक बन सकती है। ब्रोकरेज की लक्षित कीमत है 2,400 रुपये।