अर्थव्यवस्था

सरकार को RBI से मिला रिकॉर्ड ₹2.69 लाख करोड़ डिविडेंड, फिस्कल डेफिसिट घटने की उम्मीद

पिछले वित्त वर्ष में आरबीआई ने 6.5 फीसदी सीआरबी रखते हुए सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे।

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मनोजित साहा   
अंजलि कुमारी   
Last Updated- May 23, 2025 | 11:42 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये लाभांश देगा। शुक्रवार को आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई। आरबीआई ने आका​स्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) 7.5 फीसदी रखते हुए इस लाभांश की घोषणा की है। आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) की समीक्षा के बाद जोखिम सुरक्षा की नई ऊपरी सीमा तय की गई है।

बोर्ड ने सीआरबी का दायरा बहीखाते के 5.5-6.5 फीसदी से बढ़ाकर 4.5-7.5 फीसदी करने का निर्णय लिया है। यानी इसे केंद्रीय बैंक के बहीखाते का 6 फीसदी रखते हुए इसमें 1.5 फीसदी की घट-बढ़ की गुंजाइश रखी गई है। पिछले पांच वर्षों से यह दायरा 5.5-6.5 फीसदी रहा था। विमल जालान समिति ने सरकार को अधिशेष अंतरित करने के लिए यह ढांचा तैयार किया था। पिछले वित्त वर्ष में आरबीआई ने 6.5 फीसदी सीआरबी रखते हुए सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे। आरबीआई ने एक बयान में कहा, संशोधित आर्थिक पूंजी ढांचे के आधार पर वृहद आर्थिक हालात को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय बोर्ड ने सीआरबी बढ़ाकर 7.50 फीसदी करने का निर्णय लिया है।

जोखिम सुरक्षा बढ़ाने के बावजूद आरबीआई सरकार को भारी भरकम लाभांश इसलिए भेजने में सफल रहा क्योंकि उसने पिछले वित्त वर्ष डॉलर की बिक्री के जरिये मोटा मुनाफा कमाया था। आरबीआई ने पिछले वित्त वर्ष 399 अरब डॉलर की बिक्री थी जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 153 अरब डॉलर रहा था। शुद्ध आधार पर आरबीआई ने 34.5 अरब डॉलर बेचे जो 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद सर्वाधिक है। मौजूदा हाजिर दर की तुलना में डॉलर की ऐतिहासिक लागत काफी कम रही है।

एसबीआई में समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि आरबीआई से मिले मोटे लाभांश की बदौलत केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बजट में अनुमानित 4.2 फीसदी से 20 आधार अंक और कम रह सकता है। उन्होंने कहा, ‘आरबीआई से लाभांश अंतरित करने की घोषणा के बाद यह आंकड़ा बजट अनुमान से काफी अधिक होगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो मोटा लाभांश मिलने के बाद सरकार व्यय के मद में अतिरिक्त 70,000 करोड़ रुपये लगा सकती है।’

मगर बॉन्ड बाजार को और अधिक लाभांश मिलने की उम्मीद थी क्योंकि उसे नहीं लग रहा था कि जोखिम सुरक्षा का दायरा बढ़ जाएगा। आरबीएल में ट्रेजरी प्रमुख अंशुल चांडक ने कहा, ‘बाजार को इस बात का जरा भी इल्म नहीं था कि जोखिम सुरक्षा दायरा बढ़ाया जाएगा। मगर इससे यील्ड पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए। बाजार को लग रहा था कि आरबीआई की तरफ से लाभांश के तौर पर लगभग 3 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे।’

First Published : May 23, 2025 | 10:48 PM IST