जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने बुधवार को कहा है कि केंद्र सरकार चीन से स्टील आयात पर अस्थायी कर लगाने के अनुरोध का अध्ययन कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा है कि उन्हें अगले साल जनवरी के अंत तक उनके सीमेंट कारोबार के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की नियामकीय मंजूरी मिल सकती है।
सज्जन जिंदल ने कहा, ‘हम इस्पात मंत्रालय के साथ काफी धैर्यवान रहे हैं।’ साथ ही उन्होंने देश में चीनी स्टील की डंपिंग के खिलाफ सुरक्षा के लिए सरकार से उद्योग के अनुरोध भी जिक्र किया है। बेंगलूरु में आयोजित उद्योग के एक कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा, ‘हम सरकार से मुक्त व्यापार समझौते वाले देशों से भारत में आने वाले चीनी स्टील की धोखाधड़ी रोकने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। अस्थायी कर पर अनुरोधों का अध्ययन करने की प्रक्रिया उपयोगकर्ता उद्योग के साथ परामर्श पर निर्भर है। हमें अभी तक मंत्रालय से कोई जवाब नहीं मिला है।
भारतीय स्टील मिलें चीनी स्टील आयात की बढ़ती आमद से जूझ रही हैं, जिससे घरेलू कीमतों पर असर पड़ रहा है और कंपनियों की कमाई भी प्रभावित हो रही है। सरकार के अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल से अक्टूबर के दौरान देश का स्टील आयात साल साल के उच्चतम स्तर 57 लाख टन पहुंच गया। सज्जन जिंदल ने कहा कि देश में अधिक चीनी स्टील का अर्थ है कि स्टील मार्जिन कम रहेगा जबकि निवेश और क्षमता विस्तार के लिए अधिशेष भी अधिक नहीं रहेगा।
इस महीने की शुरुआत में एक अन्य कंपनी टाटा स्टील के मुख्य कार्य अधिकारी टीवी नरेंद्रन ने कहा था कि लंबे समय तक स्टील आयात से उद्योग की निवेश योजनाओं को हानि हो सकती है। उल्लेखनीय है कि सज्जन जिंदल ने उम्मीद जताई है कि इस साल जनवरी के अंत तक उनके प्रस्तावित जेएसडब्ल्यू सीमेंट की आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी मिल जाएगी। सितंबर में सेबी द्वारा 47.7 करोड़ डॉलर के आईपीओ पर रोक लगाने के बाद समूह ने पहली बार इस बारे में कोई टिप्पणी की है।