अर्थव्यवस्था

GDP Growth: अर्थशास्त्रियों ने बढ़ाया ग्रोथ का अनुमान, जीडीपी के तीसरी तिमाही के आंकड़ों ने किया चकित

SBI ने रिपोर्ट में कहा है कि FY25 में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह अनुमान RBI के 7 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान से अधिक है।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- March 01, 2024 | 9:38 PM IST

वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों ने विश्लेषकों को चकित कर दिया है और कुछ ने अगले वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ा दिया है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 7 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान से अधिक है।

वृद्धिशील पूंजी आउटपुट रेशियो (आईसीओआर) वित्त वर्ष 2024 में गिरकर 4.4 प्रतिशत रह गई है, जो वित्त वर्ष 2012 में 7.5 प्रतिशत थी। इससे अतिरिक्त उत्पादन के लिए निवेश की अतिरिक्त जरूरत को मापा जाता है। इसमें आई कमी से उत्पादक इस्तेमाल और पूंजी के बेहतर इस्तेमाल का पता चलता है। इसे देखते हुए सरकारी बैंक ने अपना अनुमान बढ़ाया है।

एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘वित्त वर्ष 2025 में निवेश व बचत के समान स्तर, लेकिन आईसीओआर में कमी की वजह से वित्त वर्ष 2025 में अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत बढ़ सकती है।’

इसी तरह से बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि आगामी वर्ष में निजी पूंजी निवेश बहाल होने और खपत में वृद्धि के कारण जीडीपी वृद्धि 7.8 प्रतिशत रह सकती है, जो पहले के 6.8 प्रतिशत अनुमान से ज्यादा है।

वहीं सिटी बैंक ने अपना वृद्धि अनुमान वित्त वर्ष 2025 के लिए 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। जबकि मोतीलाल ओसवाल ने अपना वृद्धि अनुमान बदलकर 5.5 प्रतिशत से 6 प्रतिशत कर दिया है, जिसने पहले के अनुमान में अगले वित्त वर्ष में 5.4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।

सिटी बैंक ने बयान में कहा है, ‘हमारा व्यापक विचार यह है कि बाहरी व्यवधानों और कुछ प्रतिबंधात्मक राजकोषीय और मौद्रिक नीति के कारण वित्त वर्ष 2025 में थोड़ी सुस्ती रहेगी। हालांकि अब हम उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत और जीवीए वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहेगी।’

विश्लेषकों में यह उम्मीद गुरुवार को जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों की वजह से जगी है, जिसमें दिखाया गया है कि तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 8.4 प्रतिशत रही है और वित्त वर्ष 24 में जीडीपी वृद्धि 7.6 प्रतिशत रहने की संभावना है।

बहरहाल विश्लेषकों ने आगामी वित्त वर्ष को लेकर सावधानी भी बरती है, क्योंकि केंद्रीय बैंक द्वारा दरों में पहले की वृद्धि का असर होगा और असुरक्षित खुदरा ऋण को लेकर सख्ती संबंधी नियामकीय कदम भी महत्त्वपूर्ण हैं, जिसका मतलब यह है कि शहरी खपत (वस्तुओं और सेवाओं दोनों) में कमी आ सकती है।

क्रिसिल ने एक बयान में कहा है, ‘पिछले 3 वित्त वर्षों में मजबूत जीडीपी वृद्धि के बाद हम अगले वित्त वर्ष में कुछ सुस्ती की उम्मीद कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में की गई पिछली बढ़ोतरी भी जारी है। उधारी की लागत बढ़ने और नियामकीय कदमों की वजह से अगले वित्त वर्ष में घरेलू मांग सुस्त रह सकती है।’

क्वांटइको ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी वृद्धि अधिक होने से वित्त वर्ष 2025 की जीडीपी वृद्धि के आंकड़ों में कमी ला सकती है। इसने कहा है, ‘रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में की गई पिछली वृद्धि के असर के साथ असुरक्षित ऋण को कम करने के लिए उठाए गए नियामक कदमों से शहरी खपत (वस्तुओं व सेवाओं दोनों) में कमी आ सकती है, जिससे वित्त वर्ष 2025 में तेजी प्रभावित हो सकती है।’

First Published : March 1, 2024 | 9:38 PM IST