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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लंदन में भारत-ब्रिटेन निवेशक गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की। इसमें विभिन्न पेंशन कोष, बीमा कंपनियों, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले ब्रिटेन के करीब 60 निवेशकों ने हिस्सा लिया।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार शाम को आयोजित उच्चस्तरीय गोलमेज बैठक में नीतिगत समर्थन के साथ सतत आर्थिक वृद्धि और निवेश अवसरों को सक्षम बनाने के लिए सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया गया, जिसके जरिये ‘‘न्यू इंडिया’’ को आकार दिया जा रहा है। इसमें अनुपालन के बोझ को कम करने तथा व्यापार व निवेश के लिए अनुकूल परिवेश उपलब्ध कराने को विनियमन को सुगम बनाने के लिए प्रक्रिया और कामकाज के तरीकों सुधारों को आगे बढ़ाने के मंत्रालय के प्रयासों का उल्लेख किया गया।
सीतारमण ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ भारत विदेशी बैंकों के लिए वृद्धि के आकर्षक अवसर प्रदान करता है। भारत सरकार बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है।’’ केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि विस्तारित मध्यम वर्ग तथा मजबूत व स्थिर नीतिगत माहौल के साथ भारत 2032 तक छठा सबसे बड़ा बीमा बाजार बनने के लिए तैयार है। इसमें 2024-2028 तक सालाना आधार पर 7.1 प्रतिशत की वृद्धि होगी। यह जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ते बीमा बाजारों में से एक होगी।
सीतारमण ने निवेशकों को यह भी बताया कि भारतीय प्रतिभूति बाजार 2023 की शुरुआत में टी+1 निपटान को पूरी तरह से अपनाने वाले पहले प्रमुख बाजारों में से एक है। भारत का बाजार पूंजीकरण 4,600 अरब अमेरिकी डॉलर है, जो वर्तमान में वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है। टी+1 (ट्रेड +1) निपटान का मतलब लेनदेन की तारीख के एक कारोबारी दिन बाद सौदे को अंतिम रूप देना।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ केंद्रीय वित्त मंत्री ने भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र गिफ्ट-आईएफएससी के बारे में विस्तार से बात की…जो एक अपतटीय क्षेत्र है जो पर्याप्त कर छूट, कुशल कार्यबल, विदेशी मुद्रा लेनदेन और रणनीतिक भौगोलिक स्थिति के साथ सक्षम परिवेश तंत्र से संपन्न है।’’ वित्त मंत्री ने सम्मेलन में उपस्थित लोगों को बताया गया कि मार्च, 2025 तक बैंक, पूंजी बाजार, बीमा, वित्त प्रौद्योगिकी, विमान पट्टे, जहाज पट्टे, बुलियन एक्सचेंज आदि क्षेत्रों की 800 से अधिक संस्थाएं आईएफएससीए के साथ पंजीकृत हो चुकी हैं। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को उसके आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में रेखांकित करते हुए सीतारमण ने प्रतिभागियों से कहा कि भारत ‘‘ घरेलू ‘यूनिकॉर्न’ की संख्या के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है।’’ भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और इसने 2022-23 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 11.74 प्रतिशत का योगदान दिया है।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री सीतारमण बुधवार को 13वीं मंत्रिस्तरीय भारत-ब्रिटेन आर्थिक व वित्तीय वार्ता (ईएफडी) के लिए ब्रिटेन की यात्रा पर हैं, जहां वह अपनी ब्रिटेन की समकक्ष चांसलर रेचल रीव्स के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी। ईएफडी से पहले बयान में रीव्स ने कहा, ‘‘ बदलती दुनिया में यह सरकार ब्रिटिश व्यापार को समर्थन देने और कामकाजी लोगों को वह सुरक्षा प्रदान करने के लिए बाकी विश्व के साथ व्यापार समझौतों में तेजी ला रही है, जिसके वे हकदार हैं।’’
इसके अलावा सीतारमण के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ बैठक के दौरान भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर जारी वार्ता पर चर्चा करने की संभावना भी है।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण 8 से 13 अप्रैल 2025 तक यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रिया की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगी । सीतारमण का दोनों देशों में मंत्रिस्तरीय द्विपक्षीय बैठकों में भाग लेने का भी कार्यक्रम है। भारत-यूके आर्थिक और वित्तीय वार्ता (13th EFD ) का 13वां दौर (13th Ministerial round of India-UK Economic & Financial Dialogue) 9 अप्रैल 2025 को लंदन, यूनाइटेड किंगडम में आयोजित किया जा रहा है। 13वीं ईएफडी वार्ता की सह-अध्यक्षता केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री और यूके के राजकोष के चांसलर द्वारा की गई है।
क्या है EFD?
13वीं ईएफडी दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मंच है, जो निवेश मामलों, वित्तीय सेवाओं, वित्तीय विनियमनों, यूपीआई अंतरसंबंधों, कराधान मामलों और अवैध वित्तीय प्रवाह सहित वित्तीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर मंत्री स्तर, अधिकारी स्तर, कार्य समूहों और संबंधित नियामक निकायों के बीच स्पष्ट सहभागिता के अवसर प्रदान करता है। भारतीय पक्ष के लिए 13वीं ईएफडी वार्ता की प्रमुख प्राथमिकताओं में आईएफएससी गिफ्ट सिटी, निवेश, बीमा और पेंशन क्षेत्र, फिनटेक और डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहयोग तथा किफायती और टिकाऊ जलवायु वित्त जुटाना शामिल है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री और राजकोष चांसलर आगे के सहयोग के लिए विभिन्न रिपोर्टों और नई पहलों की घोषणा और उसका शुभारंभ भी करेंगे। भारत-ब्रिटेन 13वें ईएफडी के अवसर पर सीतारमण प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भाग लेंगी। निवेशक गोलमेज बैठकों में भाग लेंगी तथा प्रमुख वित्तीय संस्थानों और कंपनियों के प्रमुखों के साथ अन्य बैठकों में भाग लेंगी।
आधिकारिक यात्रा के दौरान यूनाइटेड किंगडम में, केंद्रीय वित्त मंत्री भारत-यूके निवेशक गोलमेज सम्मेलन में मुख्य भाषण देंगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय संगठनों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे, जिसमें पेंशन फंड, बीमा कंपनियां, बैंक और वित्तीय सेवा संस्थानों सहित यूके वित्तीय इकोसिस्टम के प्रमुख प्रबंधनकर्मी भी शामिल होंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ मिलकर सिटी ऑफ लंदन के साथ साझेदारी में गोलमेज सम्मेलन की सह-मेजबानी करेंगी, जिसमें ब्रिटेन के प्रमुख पेंशन फंडों और परिसंपत्ति प्रबंधकों के शीर्ष सीईओ और वरिष्ठ प्रबंधन भागीदार होंगे।
आधिकारिक यात्रा के ऑस्ट्रियाई चरण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ऑस्ट्रियाई सरकार के वरिष्ठ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगी, जिनमें ऑस्ट्रिया के वित्त मंत्री मार्कस मार्टरबाउर और ऑस्ट्रिया के संघीय चांसलर क्रिश्चियन स्टॉकर शामिल होंगे।
वित्तमंत्री सीतारमण और ऑस्ट्रिया के अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और पर्यटन मंत्री वोल्फगैंग हैटमैन्सडॉर्फर, प्रमुख ऑस्ट्रियाई सीईओ के साथ एक सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगी, जिसमें उन्हें दोनों देशों के बीच गहन निवेश सहयोग के लिए भारत में मौजूदा और आगामी अवसरों से अवगत कराया जाएगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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