प्रतीकात्मक तस्वीर
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में 24.5 प्रतिशत घटकर 9.34 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि पूरे वित्त वर्ष में 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यह 50 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यह जानकारी सरकार द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों में सामने आई है।
जनवरी-मार्च 2023-24 तिमाही में एफडीआई प्रवाह 12.38 अरब डॉलर रहा था। वहीं, पूरे 2023-24 वित्त वर्ष में यह 44.42 अरब डॉलर था।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भी वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते एफडीआई में 5.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी और यह 10.9 अरब डॉलर रहा।
हालांकि, कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI), जिसमें इक्विटी इनफ्लो, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल होती है, में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 81.04 अरब डॉलर रहा। यह पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक है। वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 71.3 अरब डॉलर था।
सरकारी अधिकारियों का मानना है कि दीर्घकालिक निवेशकों का विश्वास अब भी बना हुआ है और भारत में निवेश के अवसर वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद मजबूत हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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