निर्यात में गिरावट, आयात में तेजी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 7:32 AM IST

सोमवार को जहां वृहद आर्थिक आंकड़ों से अर्थव्यवस्था में सुधार का पता चला, मंगलवार को आए आंकड़े बाहरी दुनिया में अनिश्चितता के संकेत दे रहे हैं। लगातार तीन महीनों तक बढ़ोतरी के बाद विदेश में मांग सुस्त रहने के कारण फरवरी में निर्यात में 0.25 प्रतिशत की गिरावट आई है।
बहरहाल निर्यातक इस गिरावट की वजह कंटेनर की कमी और कुछ राज्यों में कोविड के मामले बढऩे के कारण आपूर्ति में हो रहे व्यवधान को बता रहे हैं।
वाणिज्य विभाग की ओर से जारी शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक इस साल फरवरी में निर्यात 27.4 अरब डॉलर रहा है, जबकि पिछले साल फरवरी में 27.67 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था। निर्यात में गिरावट दिखने की एक वजह पिछले साल बड़ा आधार होना भी है, क्योंकि जनवरी में हुए निर्यात की तुलना में 6.16 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।
फरवरी महीने में फार्मा क्षेत्र के निर्यात में 14.58 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन विदेशी मुद्रा कमाने वाले प्रमुख क्षेत्रों जैसे पेट्रोलियम, रत्न एवं आभूषण और इंजीनियरिंग के सामान के निर्यात में गिरावट आई है। मूल्य के आधार पर देखें तो प्राथमिक रूप से पेट्रोलियम उत्पादों के कारण कुल निर्यात गिरा है। इसमें 27.13 प्रतिशत की गिरावट आई है। अगर पेट्रोलियम को सूची से बाहर कर दें तो निर्यात में 3.55 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है और यह 25.16 अरब डॉलर रहा है।
इसके पहले विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने कहा था कि 2020 की चौथी तिमाही में वैश्विक वाणिज्यिक कारोबार में वृद्धि (मात्रा के आधार पर) की उच्च दर 2021 की पहली छमाही में बरकरार रहने की संभावना कम है क्योंकि परमुख संकेतक पहले ही उच्च स्तर पर दिख रहे हैं।
वहीं आयात में लगातार तीसरे महीने वृद्धि दर्ज की घई है। फरवरी में आयात करीब 7 प्रतिशत बढ़कर 40.55 अरब डॉलर हो गया है। इसमें सोने का आयात 124 प्रतिशत बढ़ा है।
गैर तेल और गैर स्वर्ण आयात 7.4 प्रतिशत बढ़कर फरवरी में 23.85 अरब डॉलर रहा है।  इसकी वृद्धि दर पहले के महीने के 7.5 प्रतिशत के करीब बराबर है। इससे पता चलता है कि घरेलू अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है और उत्पादों की मांग बढ़ रही है।
व्यापार घाटा या आयात और निर्यात के बीच अंतर फरवरी में घटकर 12.88 अरब डॉलर हो गया है, जो जनवरी में 14.54 अरब डॉलर था।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि फरवरी महीने में व्यापार घाटा हमारे अनमिान की तुलना में 1 अरब डॉलर कम है, जिसकी प्रमुख वजह तेल का आयात है।
फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा, ‘हम आगे और सुधार के संकेत पा रहे हैं, जो न सिर्फ ऑर्डर बुकिंग की स्थिति से पता चलता है बल्कि पूरी दुनिया में मांग इसके संकेत दे रहा है। इसकी वजह से इस क्षेत्र के बेहतर निद व महीने आने की उम्मीद है।’
बहरहाल उन्होंने कहा कि चीन से निर्यात बढऩे की वजह से इलाके में कंटेनर की कमी पड़ गई है क्योंकि ज्यादातर खाली कंटेनर सिर्फ चीन से निर्यात के लिए उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि शिपिंग लाइनों और कंटेरन कंपनियों को भारी प्रीमियम का भुगतान किया जा रहा है, जिससे वे चीन में खाली कंटेनर वापस लाएं।
बार्कलेज ने एक नोट में कहा है कि कुल मिलाकर आयात में लगातार हो रहे सुधार से आर्थिक गतिविधियों के तेजी से सामान्य होने के संकेत मिल रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 11 महीनों के दौरान निर्यात 12.32 प्रतिशत घटकर 255.92 अरब डॉलर रह गया है। वहीं दूसरी तरफ इस दौरान आयात 23.09 प्रतिशत गिरकर 340.88 अरब डॉलर रह गया है। परिणामस्वरूप व्यापार घाटा अप्रैल-फरवरी 2020-21 के बीच 84.06 अरब डॉलर रहा हैै, जो पिछले साल की समान अवधि में हुए 151.37 अरब डॉलर की तुलना में 44.5 प्रतिशत कम है।

First Published : March 2, 2021 | 11:20 PM IST