जेनरेटिव एआई (जेन एआई) अगले सात साल के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में संभावित रूप से 1.2 लाख करोड़ डॉलर से लेकर 1.5 लाख करोड़ डॉलर तक जोड़ सकती है। ईवाई की एक हालिया रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है।
‘एआईडिया ऑफ इंडिया : भारत के डिजिटल रूपांतरण को रफ्तार देने में जेनरेटिव एआई की क्षमता’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अकेले वित्त वर्ष 2029-30 में ही जेनएआई भारत की जीडीपी में 359 अरब डॉलर से लेकर 438 अरब डॉलर तक का अतिरिक्त योगदान करने की क्षमता रखती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की जीडीपी पर जेनएआई के कुल प्रभाव का लगभग 69 प्रतिशत कारोबारी सेवाओं (आईटी, कानूनी, परामर्श, आउटसोर्सिंग, मशीनरी और उपकरणों के किराये आदि सहित), वित्तीय सेवाओं, शिक्षा, खुदरा और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों की तरफ से होने की उम्मीद है।
EY India के प्रौद्योगिकी सलाहकार प्रमुख महेश मखीजा ने कहा कि संगठन डिजिटल रूपांतरण के लिए तेजी एआई-फर्स्ट का दृष्टिकोण अपना रहे हैं, जिसका लक्ष्य ग्राहक जुड़ाव बढ़ाना, उत्पादकता में वृद्धि करना और इनोवेटिव फाउंडेशन मॉडल तथा एआई-फर्स्ट समाधानों का इस्तेमाल करते हुए डिजिटल क्षमता प्रदान करने में अधिक सक्रियता हासिल करना है।
रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत में तकरीबन 75 प्रतिशत कारोबार जेन एआई के लाभों का उपयोग करने के लिए निम्न से मध्य स्तर की तत्परता जता रहे हैं।