भारत की माल निर्यात (Merchandise Exports) में अप्रैल 2025 में वर्ष दर वर्ष आधार पर 9.03 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे कुल निर्यात $38.49 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई है। हालांकि, इसी अवधि में देश का आयात 19.12 प्रतिशत की तेजी के साथ $64.91 अरब डॉलर रहा, जिससे भारत का व्यापार घाटा बढ़कर $26.42 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
इस आंकड़े से स्पष्ट है कि भले ही भारत का निर्यात बढ़ा है, लेकिन आयात में अपेक्षाकृत तेज वृद्धि के कारण व्यापार संतुलन में असंतुलन आया है। अप्रैल 2024 में निर्यात का आंकड़ा $35.29 अरब था, जबकि आयात $54.49 अरब था।
इस प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए, वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने आशावाद व्यक्त किया कि भारत आने वाले महीनों में वर्तमान निर्यात गति को बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि भारत की निर्यात रणनीति वैश्विक चुनौतियों के बावजूद स्थिरता बनाए रखने में सक्षम है।
हाल के वर्षों में वैश्विक व्यापार पर कई प्रकार के दबाव देखने को मिले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने कई देशों पर टैरिफ (आयात शुल्क) लगाए हैं, जिनमें भारत भी शामिल है। अप्रैल में अमेरिका ने भारत से आने वाले उत्पादों पर 26 प्रतिशत का टैरिफ लगाया, जो चीन, वियतनाम और बांग्लादेश की तुलना में कम है।
इसके बावजूद, भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात अप्रैल 2025 में $8.42 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष अप्रैल में $6.61 अरब डॉलर था। यह वृद्धि इस बात का संकेत है कि भारत की आपूर्ति श्रृंखला और उत्पाद प्रतिस्पर्धी बने हुए हैं।
व्हाइट हाउस ने इन टैरिफ को ‘प्रतिशोधात्मक (reciprocal)’ बताते हुए कहा कि यह अस्थायी हैं और 8 जुलाई तक के लिए 90 दिनों के लिए स्थगित किए गए हैं ताकि भारत और अमेरिका के बीच बातचीत जारी रह सके। इसी तरह का एक समझौता अमेरिका और चीन के बीच भी हाल ही में हुआ है।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को बयान दिया कि भारत के साथ एक व्यापक व्यापार समझौता (broader trade deal) निकट भविष्य में पूरा होने वाला है। इस समझौते से भारत को अमेरिकी बाजारों में और अधिक प्रवेश मिलने की उम्मीद है, जिससे निर्यात को दीर्घकालिक मजबूती मिल सकती है।
अप्रैल 2025 में भारत के निर्यात ने सकारात्मक संकेत दिए हैं, लेकिन आयात में तेज वृद्धि के कारण व्यापार घाटा भी बढ़ गया है। अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ताएं और टैरिफ में राहत भारत के निर्यातकों के लिए राहत की खबर हो सकती है। आने वाले महीनों में यदि व्यापक व्यापार समझौता होता है, तो यह भारत के लिए वैश्विक व्यापार में बड़ी कूटनीतिक और आर्थिक जीत साबित हो सकता है।
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