OpenAI Atlas Browser: OpenAI ने अपना वेब ब्राउजर एटलस पेश किया है। इससे चैटजीपीटी निर्माता स्टार्टअप सीधे गूगल के साथ प्रतिस्पर्धा में आ गया है, क्योंकि अधिकांश इंटरनेट उपयोगकर्ता अपने सवालों के जवाब तलाशने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) पर निर्भर हैं।
अपने लोकप्रिय एआई चैटबॉट को ऑनलाइन सर्च का प्रवेश द्वार बनाने से विश्व के सबसे मूल्यवान स्टार्टअप ओपनएआई को अधिक इंटरनेट ट्रैफिक और डिजिटल विज्ञापन से होने वाला राजस्व हासिल करने में मदद मिल सकती है। यदि चैटजीपीटी लोगों को इतने प्रभावी ढंग से संक्षिप्त जानकारी दे कि वे इंटरनेट सर्च करना और पारंपरिक वेब लिंक पर क्लिक करना बंद कर दें तो ऑनलाइन मदद चाहने वाले लोगों का काफी समय बच सकता है।
ओपनएआई ने कहा है कि चैटजीपीटी के पहले से ही 80 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, लेकिन उनमें से कई इसका इस्तेमाल मुफ्त करते हैं। सैन फ्रांसिस्को स्थित कंपनी भुगतान वाले सब्सक्रिप्शन भी बेचती है, लेकिन यह अपनी कमाई से ज्यादा पैसा खर्च कर रही और लाभ कमाने के नए तरीके तलाश रही है।
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ओपनएआई ने कहा कि ऐपल लैपटॉप पर लॉन्च होने के बाद एटलस माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज, ऐपल के आईओएस फोन ऑपरेटिंग सिस्टम और गूगल के एंड्रॉयड फोन सिस्टम पर आएगा। ओपनएआई के सीईओ सैम अल्टमैन ने कहा कि ब्राउजर किस बारे में है और इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है, इस पर पुनर्विचार करने का यह दशक में एक बार मिलने वाला दुर्लभ अवसर है। लेकिन बाजार अनुसंधान समूह फॉरेस्टर्स के विश्लेषक पैडी हैरिंगटन ने कहा कि एक विशालकाय कंपनी के साथ प्रतिस्पर्धा करना बड़ी चुनौती होगी, जिसके पास व्यापक बाजार हिस्सेदारी है।
OpenAI के ब्राउजर को क्रोम के मुकाबले में खड़ा होने के लिए कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि इस समय क्रोम के दुनिया भर में लगभग 3 अरब उपयोगकर्ता हैं और गूगल के जेमिनी टेक्नोलॉजी से कुछ एआई सुविधाएं भी इसमें जोड़ी गई हैं।
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क्रोम की अपार सफलता ओपनएआई के लिए ब्राउजर बाजार में प्रवेश करने के साथ एक ब्लूप्रिंट प्रदान कर सकती है। जब गूगल ने 2008 में क्रोम जारी किया था तो माइक्रोसॉफ्ट का इंटरनेट एक्सप्लोरर इतना प्रभावशाली था कि बहुत कम पर्यवेक्षकों को ही यह भरोसा था कि नया ब्राउजर उसके लिए कोई बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। लेकिन क्रोम ने इंटरनेट एक्सप्लोरर की तुलना में वेबपेज को अधिक तेजी से लोड करके इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का दिल जीत लिया। इसके साथ ही इसने कई अन्य फायदे भी पेश किए जिससे इसके चाहने वालों का दायरा फैलता गया।
माइक्रोसॉफ्ट ने अंततः एक्सप्लोरर को छोड़ दिया और अपना एज ब्राउजर पेश किया, जो क्रोम के समान काम करता है और ऐपल के सफारी के बाद बाजार हिस्सेदारी में तीसरे स्थान पर है।