केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि भारत के एथनॉल मिश्रण प्रोग्राम (ethanol blending program) ने 2014 से अब तक 99,014 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाई है। पुरी ने यह भी बताया कि सरकार ने अब तक 15 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है, जिसे वे एथनॉल सप्लाई वर्ष 2025-26 तक 20 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय जैव ऊर्जा सम्मेलन में बोलते हुए पुरी ने कहा कि ऑटोमोटिव ईंधन में एथनॉल के बढ़ते उपयोग ने 2014 से अब तक 17.3 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल के आयात को सब्सटीट्यूट करने में मदद की है, जिसे अन्यथा आयात करना पड़ता।
मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में कार्बन उत्सर्जन में भी 51.9 मिलियन मीट्रिक टन की कमी आई है। ये आंकड़े 14 जुलाई 2024 तक के हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 2014 से अब तक तेल मार्केटिंग कंपनियों ने डिस्टिलर्स को कुल 1.45 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि किसानों को 87,558 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
मंत्री ने बताया कि E20 पेट्रोल (20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रित पेट्रोल) अब देश के 15,600 से अधिक आउटलेट्स पर उपलब्ध है। इसके अलावा, सरकार ने मार्च में E100 ईंधन भी लॉन्च किया था। इसमें 93-93.5 प्रतिशत एथनॉल, 5 प्रतिशत पेट्रोल और 1.5 प्रतिशत को-सॉल्वेंट (जो एक बाइंडर होता है) मिलाया गया है।
E100 की हाई ऑक्टेन रेटिंग, जो आमतौर पर 100-105 के बीच होती है, के कारण इसे सरकार द्वारा उच्च-प्रदर्शन इंजन के लिए बढ़िया बताया जा रहा है, जिससे बेहतर एफिसिएंसी और पावर आउटपुट मिलता है।
एथनॉल उत्पादन में वृद्धि
पुरी ने बताया कि सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) से एथनॉल डिस्टिलरीज को चावल की सप्लाई फिर से शुरू कर दी है, जिससे वे अगस्त 2024 से अक्टूबर 2024 तक ई-नीलामी के माध्यम से 23 लाख टन तक चावल खरीद सकेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि एथनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए एथनॉल सप्लाई वर्ष 2024-25 (नवंबर 2024) से डिस्टिलरीज को गन्ने के रस और सिरप की सप्लाई शुरू की जाएगी।
सरकार ने अगस्त 2023 में मक्का से एथनॉल की सप्लाई पर प्रति लीटर 9.72 रुपये, खराब चावल से 8.46 रुपये और दिसंबर 2023 में सी-हेवी शीरे से 6.87 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त प्रोत्साहन (additional incentive) भी प्रदान किया था।