facebookmetapixel
Delhi Weather Update: सावधान! दिल्ली-NCR में जहरीली हवा का कहर, IMD ने कोल्ड-वेव अलर्ट जारी कियाNowgam Blast: फरीदाबाद में जब्त विस्फोटकों के कारण श्रीनगर में पुलिस थाने में धमाका; 8 की मौत, 27 घायलDecoded: 8वें वेतन आयोग से कर्मचारी और पेंशनरों की जेब पर क्या असर?DPDP के नए नियमों से बढ़ी ‘कंसेंट मैनेजर्स’ की मांगसरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओरबिहार में NDA की प्रचंड जीत से बैकफुट पर विपक्ष, चुनाव आयोग पर उठाए सवालNDA की जीत में पासवान, मांझी गठबंधन ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी: 10 बिंदुओं में बिहार चुनाव नतीजों के निष्कर्षबिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगे

‘कोविड-19 की दूसरी लहर से आर्थिक रिकवरी को खतरा’

Last Updated- December 12, 2022 | 5:57 AM IST

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज के मुताबिक कोरोनावायरस (कोविड-19) संक्रमण की दूसरी लहर भारत की आर्थिक रिकवरी के लिए खतरा है। संक्रमण में मौजूदा तेजी से वृद्धि के अनुमानों को खतरा है, क्योंकि वायरस प्रबंधन के कदमों के तहत आर्थिक गतिविधियों में अवरोध आ सकता है और इससे बाजार व ग्राहकों की धारणा प्रभावित हो सकती है।
बहरहाल इस बार संक्रमण से निपटने के लिए माइक्रो-कंटेनमेंट जोन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और देशव्यापी बंदी का विरोध किया गया है। ऐसे में आर्थिक गतिविधियों पर असर 2020 की तुलना में बहुत कम रहेगा। भारत में कोरोनावायरस से मौतों की संख्या बहुत कम (12 अप्रैल तक सिर्फ 1,70,179 मौतें दर्ज हुई हैं) है और बड़ी आबादी युवा होने की वजह से जोखिम कम रहने के मामले में मदद मिली है। 2020 में गतिविधियों का स्तर बहुत नीचे रहने के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अभी भी 2021 में दो अंकों में बढऩे की उम्मीद है।
गूगल मोबिलिटी डेटा के मुताबिक भारत में खुदरा और मनोरंजन गतिविधियां 24 फरवरी, 2021 की तुलना में 7 अप्रैल, 2021 को 25 प्रतिशत कम हो गईं। इसकी झलक भारतीय रिजर्व बैंक के मार्च के ग्राहक विश्वास सर्वे में मिलती है, जिसमें दिखाया गया है कि गैर जरूरी सामान पर खर्च घटा है।
दूसरी लहर के प्रबंधन में टीकाकरण की भूमिका अहम है। प्राधिकारी वायरस प्रबंधन और आर्थिक गतिविधियों में संतुलन बनाए रखने की कवायद कर रहे हैं। भारत ने जनवरी के मध्य से टीकाकरण अभियान शुरू किया था और 10 अप्रैल तक टीके की 10 करोड़ डोज दी जा चुकी है, जिससे भारत तेजी से टीके लगाने वाला देश बन गया है।
बहरहाल देश की करीब 1.4 अरब आबादी को देखते हुए टीके की कमी है।

First Published - April 13, 2021 | 11:26 PM IST

संबंधित पोस्ट