अर्थव्यवस्था

CSR खर्च तय करेगा इंटर्नशिप योजना के लिए कंपनियों की पात्रता, 1 करोड़ युवाओं को मिलेगा कौशल प्रशिक्षण

सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय इस महीने के अंत तक इंटर्नशिप योजना पोर्टल चालू कर देगा, जहां कंपनियां अपने पास उपलब्ध इंटर्नशिप का विवरण जारी कर करेंगी।

Published by
रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- September 20, 2024 | 10:06 PM IST

कंपनी मामलों का मंत्रालय जल्द ही उन शीर्ष 500 कंपनियों की सूची जारी करेगा जो केंद्र सरकार की इंटर्न​शिप योजना में भाग लेने के लिए पात्र होंगी। मामले से अवगत सूत्रों के अनुसार इन कंपनियों का चयन पिछले तीन वर्षों के दौरान उनके औसत वार्षिक कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) खर्च के आधार पर किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 में इस योजना की घोषणा की थी। सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय इस महीने के अंत तक इंटर्नशिप योजना पोर्टल चालू कर देगा, जहां कंपनियां अपने पास उपलब्ध इंटर्नशिप का विवरण जारी कर करेंगी। इंटर्नशिप योजना के लिए आवेदन भी इसी पोर्टल के जरिये ऑनलाइन प्राप्त किए जाएंगे।

सूत्रों ने बताया कि कंपनियों की इंटर्न​शिप के उम्मीदवारों तक सीधी पहुंच नहीं होगी। उम्मीदवार द्वारा इंटर्नशिप के लिए आवेदन किए जाने के बाद मंत्रालय की समिति प्राप्त आवेदनों का चयन करेगी और संबं​धित कंपनियों को भेजेगी। इसके तहत एक पद के लिए दो उम्मीदवारों के नाम भेजे जाएंगे।

सूत्रों ने बताया कि कंपनियां अपनी जरूरत के आधार पर उम्मीदवारों का चयन अथवा आवेदन को अस्वीकार कर सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘इस योजना के लिए काम जोरों पर है। तमाम कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है। यह कंपनियों और सरकार दोनों के लिए एक फायदेमंद योजना है। कंपनियां प्रतिभाओं को तैयार करना चाहती हैं और उसकी लागत की भरपाई सरकार कर रही है।’

वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 2021-22 तक रिलायंस इंडस्ट्रीज सीएसआर मद में सबसे अ​धिक खर्च करने वाली कंपनी रही है। मगर वित्त वर्ष 2022-23 में रिलायंस इस मद में 743.4 करोड़ रुपये के खर्च के साथ एचडीएफसी बैंक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के बाद तीसरे स्थान पर ​खिसक गई। आईसीआईसीआई बैंक और टाटा स्टील भी देश में सबसे अधिक सीएसआर खर्च करने वाली कंपनियों में शामिल हैं।

सरकार का लक्ष्य इंटर्नशिप योजना के जरिये अगले 5 साल में देश की शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रदान करना है। इसके तहत युवाओं को 12 महीने तक वास्तविक कारोबारी माहौल और विभिन्न पेशेवर एवं रोजगार के अवसरों से परिचित कराया जाएगा। केंद्र सरकार इस योजना के तहत 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता और 5,000 रुपये प्रति महीने इंटर्नशिप भत्ता भी देगी।

कंपनियों से अपेक्षा की जाएगी कि वे 10 फीसदी प्रशिक्षण एवं इंटर्नशिप लागत का वहन अपने सीएसआर कोष से करें। हालांकि यह योजना कंपनियों के लिए स्वैच्छिक है। इसलिए कंपनियां स्वैच्छिक आधार पर इसे अपना सकती हैं। मगर कंपनी अधिनियम के तहत सीएसआर अनिवार्य एवं सांवि​धिक दायित्व है।

इंटर्नशिप शीर्ष 500 कंपनियों के आपूर्तिकर्ताओं अथवा मूल्य श्रृंखला भागीदारों के जरिये प्रदान की जाएगी। अप्रैंटिस​शिप के विपरीत इसमें प्र​शिक्षुओं को स्थायी तौर पर नियुक्त करने की कोई बाध्यता नहीं है। इस योजना का उद्देश्य कंपनियों को ऐसे व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है जिन्हें वे आम तौर पर सब्सिडी के बिना काम पर नहीं रख सकती हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस योजना का उद्देश्य शैक्षणिक ज्ञान और उद्योग की जरूरतों के बीच की खाई को पाटना है।

First Published : September 20, 2024 | 9:57 PM IST