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2026 से भारतीय दवा उद्योग के लिए निर्णायक दौर की शुरुआत, 2047 तक 500 अरब डॉलर के लक्ष्य पर नजर

यह प्रयास शुल्क उतार-चढ़ाव और वैश्विक व्यापार पुनर्संरचना जैसी निकट अवधि की चुनौतियों के बीच किया जा रहा है

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भाषा   
Last Updated- December 22, 2025 | 10:24 PM IST

भारत के दवा उद्योग के लिए वर्ष 2026 आवश्यक परिवेश तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण पांच वर्षीय अवधि की शुरुआत का संकेत है, ताकि वह स्वयं को नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करते हुए वर्ष 2047 तक 500 अरब डॉलर का क्षेत्र बनने के अपने लक्ष्य को हासिल कर सके। यह प्रयास शुल्क उतार-चढ़ाव और वैश्विक व्यापार पुनर्संरचना जैसी निकट अवधि की चुनौतियों के बीच किया जा रहा है।

भारतीय दवा संघ के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा, ‘आज भारतीय दवा उद्योग एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है और अगले 25 वर्ष नवाचार, गुणवत्ता और पहुंच के आधार पर तय होंगे।’ उन्होंने कहा कि देशी दवा कंपनियों में नवाचार का ‘एजेंडा’ उल्लेखनीय गति पकड़ रहा है। जैन ने कहा, ‘वर्ष 2026 से आगे आने वाले पांच वर्ष क्रियान्वयन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होंगे, नीतिगत रफ्तार को ठोस उपलब्धियों में बदलने के लिए ताकि भारत वर्ष 2047 तक 450–500 अरब डॉलर का उद्योग बनने एवं वैश्विक जीवन विज्ञान नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित होने के अपने लक्ष्य को हासिल कर सके।’

समर्थक नीतियों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि दवा–चिकित्सकीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहन देने वाली योजना (पीआरआईपी) को उद्योग से मजबूत प्रतिक्रिया मिली है, जो एक महत्वपूर्ण शुरुआत का संकेत है। जैन ने कहा, ‘नव घोषित अनुसंधान विकास प्रोत्साहन योजना जिसमें जैव-उत्पादन को प्रमुख क्षेत्र बनाया गया है, विशेष रूप से समयानुकूल है, खासकर तब जबकि अगले सात वर्ष में 300 अरब डॉलर से अधिक मूल्य की दवाएं विशिष्ट अधिकार खोने जा रही हैं।’

उन्होंने कहा कि भारत के नवाचार की ओर बढ़ने के उत्साहजनक संकेत देखे जा सकते हैं, क्योंकि प्रमुख भारतीय दवा कंपनियां उच्च मूल्य वाले उत्पाद खरीद रही हैं, लाइसेंस समझौते कर रही हैं और अगली पीढ़ी की दवाओं के लिये विनियामक स्वीकृतियां प्राप्त कर रही हैं। भारतीय दवा संघ (आईपीए) में 23 प्रमुख दवा कंपनियां शामिल हैं जिनमें सन फार्मा, सिप्ला, ऑरोबिंडो फार्मा और डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज शामिल हैं।

First Published : December 22, 2025 | 10:20 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)