अर्थव्यवस्था

1 नवंबर को समाप्त पखवाड़े में उधारी और जमा वृद्धि लगभग समान

इस पखवाड़े में उधारी वृद्धि सालाना आधार पर 11.9 प्रतिशत व जमा वृद्धि सालाना आधार पर 11.83 प्रतिशत थी।

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- November 14, 2024 | 11:37 PM IST

1 नवंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में उधारी और जमा वृद्धि एक समान रही। भारतीय रिजर्व बैंक के हाल में जारी आंकड़े के अनुसार 30 महीनों में पहली बार 18 अक्टूबर को समाप्त हुए पखवाड़े में ऋण से अधिक जमा की वृद्धि रही। इस क्रम में 1 नवंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में उधारी और जमा की वृद्धि तकरीबन एकसमान रही और इस पखवाड़े में उधारी वृद्धि सालाना आधार पर 11.9 प्रतिशत व जमा वृद्धि सालाना आधार पर 11.83 प्रतिशत थी।

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार 1 नवंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में प्रणाली में उधारी 174.39 लाख करोड़ रुपये और जमा राशि 220.43 लाख करोड़ रुपये थी। इससे पिछले पखवाड़े (18 अक्टूबर) में उधारी वृद्धि 11.5 प्रतिशत थी और इससे अधिक 11.7 प्रतिशत जमा वृद्धि थी। यह संभवत: उस अवधि की शुरुआत हो सकती है जब ऋणदाताओं का संपत्ति पक्ष उत्तरदायित्व के अनुरूप होगा।

दरअसल, 25 मार्च, 2022 को समाप्त हुए पखवाड़े में जमा की वृद्धि से अधिक उधारी की वृद्धि हो गई थी। इससे अंतर बढ़कर 700 आधार अंक का हो गया था। हाल में उधारी के उच्चतम स्तरों पर पहुंचने के बाद जमा वृद्धि में प्राथमिक तौर पर कमी आई थी। इसके प्रमुख कारक भारतीय रिजर्व बैंक का गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के असुरक्षित ऋणों और ऋणों पर जोखिम बढ़ाने के अलावा बैंकों को उधारी व जमा अनुपात (एलडीआर) को कम करने का निर्देश था।

इसके अलावा भारत के सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी बैंक लिमिटेड ने उच्च एलडीआर को कम करने के लिए उधारी वृद्धि को सुस्त कर दिया है। इससे कुल उधारी वृद्धि में गिरावट आई है। हालांकि विशेषज्ञों का अनुमान है कि जमा वृद्धि से अधिक उधारी वृद्धि रहेगी। इसका कारण यह है कि आमतौर पर चौथी तिमाही में उधारी गतिविधियां बढ़ जाती हैं।

First Published : November 14, 2024 | 11:32 PM IST