कृषि श्रमिकों और ग्रामीण मजदूरों को मई में रिटेल महंगाई से कुछ राहत मिली है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के लेबर ब्यूरो ने सोमवार को कहा कि मई में कृषि श्रमिकों और ग्रामीण मजदूरों के लिए रिटेल महंगाई की दर क्रमशः 5.99 फीसदी और 5.84 फीसदी पर आ गई।
मंत्रालय ने कहा कि कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-AL) और ग्रामीण मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-RL) पर आधारित पॉइंट-टू-पॉइंट महंगाई की दर अप्रैल 2023 में क्रमशः 6.50 फीसदी और 6.52 फीसदी पर थी। एक साल पहले की समान अवधि (मई 2022) के दौरान यह क्रमशः 6.67 फीसदी और 7 फीसदी थी।
इसी तरह मई 2023 में खाद्य महंगाई 6.31 फीसदी और 6.07 फीसदी रही, जबकि अप्रैल 2023 में यह 6.67 फीसदी और 6.52 फीसदी थी। एक साल पहले की समान अवधि के दौरान (मई 2022) में यह 5.44 फीसदी और (अप्रैल 2022) में 5.51 फीसदी थी।
मई 2023 के लिए कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक क्रमशः 6 और 5 अंक बढ़कर 1,186 अंक और 1,197 अंक हो गई। अप्रैल 2023 में, CPI-AL और CPI-RL क्रमशः 1,180 अंक और 1,192 अंक थे।
चावल, दाल, दूध, बकरे के मांस, सूखी मिर्च, लहसुन, अदरक, सब्जियां और फल इत्यादि के मूल्य में वृद्धि के कारण कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के जनरल इंडेक्स में क्रमशः 5.29 और 4.72 अंकों की वृद्धि देखी गई।
इंडेक्स में वृद्धि और गिरावट राज्य के अनुसार अलग-अलग है। कृषि श्रमिकों के मामले में यह 11 राज्यों में 2 से 17 अंक तक बढ़ गया और आठ राज्यों में 1 से 5 अंक कम हो गया, जबकि हिमाचल प्रदेश में स्थिर रहा।
तमिलनाडु 1,371 अंकों के साथ इंडेक्स टेबल में सबसे ऊपर है, जबकि हिमाचल प्रदेश 918 अंकों के साथ अंतिम स्थान पर है।