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Coal Import: जुलाई में देश का कोयला आयात 16.4% घटकर 2.11 करोड़ टन रह गया। पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 2.52 करोड़ टन था। कमी की वजह मानसून के दौरान मांग कमजोर रहना और सिस्टम में पहले से ज्यादा स्टॉक होना बताया जा रहा है।
एमजंक्शन सर्विसेज (Tata Steel और SAIL की जॉइंट वेंचर कंपनी) के अनुसार अप्रैल-जुलाई 2024 के दौरान कोयला आयात घटकर 9.75 करोड़ टन रह गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 10.05 करोड़ टन था।
एमजंक्शन के एमडी और सीईओ विनया वर्मा ने कहा, “मांग में सुस्ती और पर्याप्त स्टॉक की वजह से आयात घटा है। हालांकि, सितंबर के अंत से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन से पहले मांग में सुधार की उम्मीद है।”
जुलाई में गैर-कोकिंग कोयले का आयात 1.15 करोड़ टन रहा, जो पिछले साल जुलाई के 1.65 करोड़ टन से कम है। वहीं, कोकिंग कोयले का आयात 58.5 लाख टन रहा, जो पिछले साल जुलाई के 48.1 लाख टन से ज्यादा है।
अप्रैल-जुलाई अवधि में गैर-कोकिंग कोयले का आयात 6.06 करोड़ टन रहा, जो पिछले साल की 6.56 करोड़ टन से कम है। वहीं, कोकिंग कोयले का आयात बढ़कर 2.22 करोड़ टन हो गया, जबकि पिछले साल यह 2.02 करोड़ टन था।
कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी पहले ही कह चुके हैं कि मानसून के दौरान देश में कोयले की कोई कमी नहीं होगी। सरकार ने बिजली समेत सभी क्षेत्रों की मांग पूरी करने की तैयारी कर ली है। सरकार का कहना है कि वह टिकाऊ विकास और आयात पर निर्भरता घटाने के लिए लगातार काम कर रही है।