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राज्यों को 15,000 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध करा रहा केंद्र

Last Updated- December 12, 2022 | 5:18 AM IST

राज्यों द्वारा पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने तथा परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण और विनिवेश के लिए प्रेरित करने हेतु केंद्र राज्यों को 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 15,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराएगा, क्योंकि कोविड की दूसरी लहर के कारण अर्थव्यवस्था को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा रहा है। इस योजना के तहत राज्यों को प्रदान की गई धनराशि का उपयोग नई और मौजूदा पूंजीगत परियोजनाओं के लिए तथा मौजूदा पूंजीगत परियोजनाओं के लंबित बिलों का निपटान करने के लिए किया करना होगा।
उत्तर पूर्व और अन्य राज्यों के लिए आवंटित राशि के अलावा, राज्यों को अपनी परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के विनिवेश को प्रोत्साहन देने के लिए 5,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
आवंटित किए गए इस 5,000 करोड़ रुपये में से राज्यों को 50 वर्ष का ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा, जो परिसंपत्ति मुद्रीकरण, सूचीकरण और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के जरिये प्राप्तियों के 33 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत के दायरे में होगा।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण उनके मूल्य को ‘अनलॉक’ करता है, उन्हें रखने की लागत को समाप्त करता है और इस दुर्लभ सार्वजनिक धन को नई परियोजनाओं में लगान सक्षम करता है, इस तरह नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
पहाड़ी और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 2,600 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
इसमें असम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड मेंं से प्रत्येक को 400 करोड़ रुपये मिलेंगे तथा इस समूह के अन्य राज्यों में से प्रत्येक को 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। तकरीबन 7,400 करोड़ रुपये बाकी राज्यों को केंद्रीय करों में उनके हिस्से के अनुपात में दिए जाएंगे।

First Published - April 30, 2021 | 11:42 PM IST

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