अर्थव्यवस्था

लाल सागर में हमलों और सोमाली समुद्री डकैतों की दोहरी मार से मालवाहक जहाजों और व्यापार को संकट

सोमाली डकैतों ने 4 जनवरी को लाइबेरियाई झंडे वाले जहाज लीला नॉरफ्लॉक का अपहरण कर लिया था, जिसमें 15 भारतीय और 6 फिलीपीनी नाविक जहाज पर थे।

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ध्रुवाक्ष साहा   
शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- January 07, 2024 | 10:42 PM IST

लाल सागर (Red Sea) से होकर गुजरने वाले व्यापारिक मालवाहक जहाजों पर हमले बढ़ने और अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग में सोमालियाई समुद्री डाकुओं के अप्रत्याशित रूप से उभरने से शिपिंग उद्योग पर दोहरी मार पड़ी है। बढ़ती हुई लागत और नाविकों की सुरक्षा को लेकर दुनिया भर की सरकारों और व्यापारिक शिपिंग उद्योग चिंता बढ़ गई है।

सोमाली डकैतों ने 4 जनवरी को लाइबेरियाई झंडे वाले जहाज लीला नॉरफ्लॉक का अपहरण कर लिया था, जिसमें 15 भारतीय और 6 फिलीपीनी नाविक जहाज पर थे। भारतीय नौसेना के हस्तक्षेप से नाविकों को छुड़ा लिया गया, लेकिन भारत के शिपिंग नियामक और समुद्री रक्षा हिस्सेदारों फिलहाल स्थिति बदलती हुई नजर नहीं आ रही है।

इस बीच व्यापारिक जहाजं पर प्रोजेक्टाइल हथियारों और इधर उधर घूमने वाली युद्ध सामग्री या सुसाइड ड्रोन के इस्तेमाल के कारण जहाजों का मार्ग बदलना पड़ रहा है, जिससे ढुलाई की लागत बढ़ गई है।

ड्रयूरी के वर्ल्ड कंटेनर इंडेक्स (4 जनवरी को अद्यतन) के अनुसार पिछले सप्ताह की तुलना में कंपोजिट इंडेक्स 61 प्रतिशत बढ़कर 2,670 डॉलर प्रति 40 फीट कंटेनर हो गया और पिछले वर्ष के इसी सप्ताह की तुलना में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा अब महामारी से पहले की औसत दर से 88 प्रतिशत अधिक है।

महामारी के दौरान भी कंटेनर की लागत में तेजी आई थी। शिपिंग उद्योग के एक सूत्र ने कहा, ‘तमाम कारोबारियों ने बढ़ी दरों से महामारी के दौरान अप्रत्याशित लाभ कमाया और उद्योग राहत का इंतजार करता रहा। अब नई चुनौती आई है।’

एक आकलन के मुताबिक चीन से यूरोप के विभिन्न देशों को भेजे जाने वाली जहाजों की ढुलाई की दर पिछले सप्ताह के 115 प्रतिशत तक बढ़ी है, वहीं चीन से अमेरिका के जहाज की ढुलाई की दर 30 से 40 प्रतिशत बढ़ी है।

उद्योग के ज्यादातर अधिकारियों और मार्केट इंटेलिजेंस फर्मों को उम्मीद है कि कीमत में बढ़ोतरी होगी और इससे तैयार माल की कीमत बढ़ने की संभावना है।

अनुमान के मुताबिक लगभग 400 वाणिज्यिक जहाज आमतौर पर किसी भी समय लाल सागर से होकर यात्रा करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पोर्टवॉच पोर्टल के अनुसार ताजा घटनाओं से 11 प्रतिशत समुद्री व्यापार प्रभावित हुआ है। जर्मनी के ऑनलाइन कंटेनर लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म कंटेनर एक्स चेंज के सीईओ और सह संस्थापक क्रिस्टियन रॉयलोफ ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि लाल सागर में स्थिति बहुत गंभीर है और सेना का हस्तक्षेप पहले ही शुरू हो गया है।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) के मुताबिक संकट बढ़ने के कारण जहाज से ढुलाई की लागत 60 प्रतिशत और बीमा प्रीमिययम 20 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

थिंक टैंक ने कहा कि विशेष रूप से भारत कच्चे तेल और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलपीजी) के आयात के लिए बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य पर बहुत निर्भर है। अगर इस क्षेत्र में व्यवधान आता है तो आर्थिक और सुरक्षा जोखिमों का सामना करना पड़ता है। इससे पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरोप के साथ व्यापार प्रभावित हो सकता है।

बहरहाल पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि आपूर्ति में व्यवधान की उम्मीद नहीं है और इससे ढुलाई मात्रा पर कोई बड़ा असर नहीं होगा। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसके अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

First Published : January 7, 2024 | 10:42 PM IST