Economic Survey 2024
पूंजी बाजारों की देश की वृद्धि की गाथा में अब प्रमुख भूमिका बनती जा रही है। संसद में सोमवार को पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गई है।
समीक्षा में कहा गया कि नवोन्मेषण और डिजिटलीकरण के दम पर पूंजी निर्माण और निवेश परिदृश्य में बढ़ती हिस्सेदारी के साथ पूंजी बाजार देश की वृद्धि गाथा में अपनी भूमिका बढ़ा रहे हैं।
इसके अलावा आज भारतीय बाजार वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने में अधिक सक्षम हैं।
इकोनॉमिक सर्वे कहती है कि बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिम, बढ़ती ब्याज दरों और जिंस कीमतों में अस्थिरता के बावजूद भारतीय पूंजी बाजार का प्रदर्शन बीते वित्त वर्ष में अन्य उभरते बाजारों में सबसे बेहतर रहा है।
वित्त वर्ष 2023-24 में बीएसई का 30 शेयर वाला सूचकांक सेंसेक्स करीब 25 प्रतिशत चढ़ा। चालू वित्त वर्ष में भी यही रुख जारी है और तीन जुलाई को सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान पहली बार 80,000 अंक के स्तर को छू गया।
सर्वे में कहा गया कि वैश्विक और उभरते बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर बाजारों के अनुकरणीय प्रदर्शन की मुख्य वजह भारत की वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने की क्षमता, ठोस तथा स्थिर घरेलू वृहद आर्थिक परिदृश्य तथा एक मजबूत घरेलू निवेशक आधार है।