अर्थव्यवस्था

Budget 2024: …तो इसलिए बजट में सरकार दे रही युवाओं की नौकरी पर जोर, आंकड़े बता रहे रोजगार का हाल

ILO और मानव विकास संस्थान की एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया था कि हरेक तीन में से एक युवा शिक्षा, रोजगार या प्रशिक्षण में नहीं है।

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अनुष्का साहनी   
Last Updated- July 24, 2024 | 10:33 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए लोगों को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहन देने की पहल ऐसे समय की है जब कर्मचारियों की शुद्ध वृद्धि में युवाओं की हिस्सेदारी घट रही है। इसे रोजगार को रफ्तार देने की राह में एक बाधा के रूप में देखा जाता है।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में नामांकन के आधार पर पहली बार नौकरी करने वाले लोगों के लिए योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार पर प्रमुखता से ध्यान केंद्रित कर रही है।

प्रधानमंत्री के पैकेज में शामिल ‘रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन’ के तहत औपचारिक कार्यबल में शामिल होने वाले नए लोगों को 15,000 रुपये तक का एक माह का वेतन तीन मासिक किस्तों में वेतन दिया जाएगा। इसके लिए पात्रता केवल इतना है कि कर्मचारी का मासिक वेतन 1 लाख रुपये से अधिक न हो।

आंकड़ों से पता चलता है कि औपचारिक रोजगार में 25  साल से कम उम्र के लोगों की हिस्सेदारी घटी है जिसे ईपीएफओ में वृद्धि के रूप में परिभाषित किया जाता है। साल 2018-19 में शुद्ध रोजगार वृद्धि में उनकी हिस्सेदारी 68.9 फीसदी थी। मगर 2023-24 में घटकर 50.2 फीसदी रह गई।

मई 2024 के लिए उपलब्ध ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि कुल रोजगार में उनकी हिस्सेदारी 45.3 फीसदी थी जबकि एक साल पहले के समान महीने में यह आंकड़ा 56.2 फीसदी रहा था।

इस साल के आरंभ में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और मानव विकास संस्थान (भारत रोजगार रिपोर्ट 2024) की एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया था कि हरेक तीन में से एक युवा शिक्षा, रोजगार या प्रशिक्षण में नहीं है। इन श्रेणियों में पुरुषों के मुकाबले युवा महिलाओं की तादाद अधिक न होने की संभावना है।

इसने यह भी संकेत दिया कि युवाओं के असंगठित एवं अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने की संभावना है। हालांकि औपचारिक क्षेत्र में काम करने वालों की हिस्सेदारी 2000 और 2019 के बीच बढ़ी थी, लेकिन अगले चार वर्षों के दौरान उसमें गिरावट दर्ज की गई।

बहरहाल, नियमित रोजगार में युवाओं की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन उनमें से कई के पास लिखित अनुबंध, दीर्घकालिक (तीन या अधिक वर्ष) अनुबंध और सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं हैं।

First Published : July 24, 2024 | 10:33 PM IST