अर्थव्यवस्था

Budget 2024: एनबीएफसी को मिले प्रोत्साहन, बैंक फंडिंग पर कम हो निर्भरता

वित्त मंत्री के साथ 2 घंटे की बैठक के बाद मॉर्गन स्टैनली इंडिया के एमडी और कंट्री हेड अरुण कोहली ने कहा कि उद्योग ने कर नीतियों में निरंतरता बनाए रखने का अनुरोध किया है।

Published by
हर्ष कुमार   
Last Updated- June 20, 2024 | 10:53 PM IST

Budget 2024: वित्तीय व पूंजी बाजार के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को वित्त मंत्रालय से ऐसी पहल करने का अनुरोध किया है, जिससे गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की बैंक फंडिंग पर निर्भरता कम हो सके। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे को धन मुहैया कराने के लिए बीमा और पेंशन फंडों को वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) उद्योग में हिस्सा लेने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

बजट के पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ परामर्श के दौरान वित्त उद्योग विकास परिषद के सह-अध्यक्ष रमन अग्रवाल ने कहा कि भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के द्वारा एनबीएफसी को और ज्यादा धन आवंटित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमने सुझाव दिया है कि एनबीएफसी की बैंकों से फंडिग पर निर्भरता कम करने की प्रक्रिया की पहल शुरू करने की जरूरत है।’

कोटक महिंद्रा एएमसी के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह ने कहा कि उन्होंने जन निवेश अभियान शुरू करने का अनुरोध किया है, जिससे कि करोड़ों भारतीयों का वित्तीय समावेशन किया जा सके और पोंजी योजनाओं और सट्टेबाजी में फंसने से उन्हें बचाया जा सके।

उन्होंने कहा, ‘हमने 4 करोड़ से अधिक भारतीयों को विकसित भारत की यात्रा में हिस्सा लेने और उनकी वित्तीय आजादी सुरक्षित करने के लिए तैयार किया है। हमें अब ज्यादा से ज्यादा भारतीयों तक पहुंचना होगा, ताकि उनकी वित्तीय आजादी सुरक्षित की जा सके।’

इंडियन वेंचर ऐंड अल्टरनेटिव कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) के चेयरमैन ऐश्ली मेनेजिस ने बयान में कहा कि आईवीसीए ने एआईएफ निवेश को मुख्य धारा में लाने और बीमा तथा पेंशन फंडों के बड़े घरेलू पूंजी पूल को एआईएफ में हिस्सा लेने को प्रोत्साहित करने के सुझाव दिए हैं। इसका मकसद बुनियादी ढांचे, ऋण और स्टार्टअप, स्केल-अप और ग्रोथ कंपनियों को धन मुहैया कराने की सुविधा प्रदान करना है।

वित्त मंत्री के साथ 2 घंटे की बैठक के बाद मॉर्गन स्टैनली इंडिया के एमडी और कंट्री हेड अरुण कोहली ने कहा कि उद्योग ने कर नीतियों में निरंतरता बनाए रखने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, ‘कर नीतियां स्थिर और दीर्घकालिक बनाई जानी चाहिए। भारत को वित्तीय अनुशासन की राह पर बने रहने की जरूरत है।’

हिस्सेदारों ने पूंजीगत लाभ कर और प्रतिभूति लेनदेन कर पर भी अपने पक्ष रखे। मुथूट समूह के एमडी जॉर्ज अलेक्जेंडर मुथूट ने कहा कि कुछ हिस्सेदारों ने बाजार को मजबूत करने व कुछ कर प्रोत्साहन देने की भी मांग की है।

बातचीत में शामिल अन्य लोगों में कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संजय रावल, इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज स्पार्क कैपिटल एडवाइजर्स के गणेशराम जयरमण, एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के एमडी और सीईओ नवनीत मुनट, एसबीआई कैपिटल वेंचर लिमिटेड के एमडी और सीईओ प्रेम प्रभाकर व अन्य शामिल रहे।

First Published : June 20, 2024 | 10:53 PM IST