अर्थव्यवस्था

Budget 2024: पूंजीगत व्यय बढ़ाएं कराधान सरल बनाएं

उद्योग संगठनों ने पूंजीगत व्यय बढ़ाने, कर प्रणाली को आसान बनाने और नई उत्पादन पर आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं लागू करने की मांग की है।

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राघव अग्रवाल   
Last Updated- June 20, 2024 | 10:06 PM IST

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में उद्योग संगठनों के साथ बजट पूर्व परामर्श किया। उद्योग संगठनों ने पूंजीगत व्यय बढ़ाने, कर प्रणाली को आसान बनाने और नई उत्पादन पर आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं लागू करने की मांग की है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने सुझाव दिया कि 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में पूंजीगत व्यय में 25 प्रतिशत वृद्धि की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘बढ़ी पूंजी का आवंटन ग्रामीण बुनियादी ढांचे जैसे सिंचाई, गोदाम, कोल्डचेन बनाने में किया जा सकता है।’

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (फिक्की) के पूर्व अध्यक्ष शुभ्रकांत पांडा ने कहा कि केंद्र को वृद्धि की गति बरकरार रखने को समर्थन देना जारी रखने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में कर व्यवस्था को सरल और तार्किक बनाए जाने की सख्त जरूरत है, जिसमें वस्तु एवं सेवा कर को 3 ढांचों में करना, स्रोत पर कर (टीडीएस) के 3 दर का ढांचा बनाया जाना और सीमा शुल्क की दरों को तार्किक बनाया जाना शामिल है।

एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने आयकर छूट की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जानी चाहिए, जिससे कि व्यक्तिगत आयकरदाताओं को तात्कालिक राहत मिल सके और उनकी खर्च की जाने योग्य राशि बढ़ सके। एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम सरकार की प्राथमिकता में होने चाहिए।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री ने सुझाव दिया है कि कॉर्पोरेट टैक्स दरों की यथास्थिति बरकरार रखी जानी चाहिए। बहरहाल उसने कहा है कि 40 लाख रुपये सालाना से ज्यादा आमदनी पर 30 प्रतिशत कर लिया जाना चाहिए।

First Published : June 20, 2024 | 10:06 PM IST