अर्थव्यवस्था

BFSI Summit : ग्लोबल इकोनॉमी की तुलना में भारत बेहतर स्थिति में -RBI गवर्नर

Published by
बीएस वेब टीम
Last Updated- December 21, 2022 | 12:52 PM IST

बिज़नेस स्टैंडर्ड का दो दिवसीय BFSI Insight Summit आज से शुरू हो गया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (SEBI) के पूर्व चेयरमैन मेलेवीतिल दामोदरन ने उद्घाटन संबोधन किया और कहा कि वर्ष 2008 के बाद से फाइनेंशियल सेक्टर अधिक सक्रिय विनियमन देख रहा है।

उन्होंने कहा, “हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक नियामक क्षमता है। फाइनेंशियल सेक्टर में 2008 के बाद से बहुत अधिक विनियमन देखा गया है।”

मुख्य स्पीकर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस दौरान क्रिप्टोकरेंसी, भारत की आर्थिक स्थिति, महंगाई समेत अन्य मुद्दों पर अपने विचार रखते हुए कहा, “भारत की मॉनेटरी पॉलिसी घरेलू कारणों के आधार पर तय होती है, न कि केवल यूएस फेडरल रिजर्व की कार्रवाइयों से। ग्लोबल ट्रेड में डॉलर का सबसे बड़ा हिस्सा है इसलिए फेडरल रिजर्व के निर्णयों का अप्रत्यक्ष प्रभाव भारतीय इकोनॉमी पर भी पड़ता है।”

इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भारत की लीडिंग इंश्योरेंस कंपनियों, म्युचुअल फंड हाउस और बैंकों के मुख्य कार्यकारी भी अपने सेक्टर को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर बात करेंगे।

RBI गवर्नर ने क्या-क्या कहा-

-बैंकिग प्रणाली को लेकर गवर्नर दास ने कहा कि RBI ने बैंकों की समीक्षा को तेज कर दिया है।

-पिछले साल के हाई बेस के कारण डिपॉजिट ग्रोथ भी कम दिख रही है।

-मौजूदा क्रेडिट ग्रोथ आर्थिक उत्साह से बहुत दूर है।

-मौद्रिक नीति, मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव से निर्देशित होती है।

-US FED घरेलू परिस्थितिओं को तय करने वाले कारणों में से एक है।

-भविष्य में CBDC का उपयोग अधिक होगा।

-CBDC रखने वाले दो देशों के बीच मनी ट्रांसफर आसान होगा।

First Published : December 21, 2022 | 12:10 PM IST