अर्थव्यवस्था

राजकोषीय घाटा लक्ष्य का 58.9%

Published by
अरूप रायचौधरी
Last Updated- December 30, 2022 | 11:37 PM IST

अप्रैल-नवंबर 2023 के दौरान केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 9.78 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह वित्त वर्ष 23 के बजट अनुमान 16.6 लाख करोड़ रुपये का 58.9 प्रतिशत है। इसकी तुलना में पिछले साल की समान अवधि में राजकोषीय घाटा 6.96 लाख करोड़ रुपये था, जो उस साल के बजट लक्ष्य का 46.2 प्रतिशत है। कर और गैर कर राजस्व कम होने और पूंजीगत व्यय आवंटन बहुत ज्यादा होने के कारण राजकोषीय घाटा पूरे साल के अनुमानित घाटे के प्रतिशत के हिसाब से अधिक है।

दरअसल नवंबर महीने में राजकोषीय घाटा 2.2 लाख करोड़ रुपये था, जो इस वित्त वर्ष के किसी भी महीने की तुलना में सबसे ज्यादा है। इक्रा लिमिटेड में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2023 के अप्रैल-नवंबर महीने के दौरान केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। शुद्ध कर राजस्व 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि गैर कर राजस्व में 11 प्रतिशत का संकुचन आया है। राजस्व व्यय में 11 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। वहीं पूंजीगत व्यय 63 प्रतिशत बढ़ा है।’

वित्त वर्ष 23 के अप्रैल-नवंबर के दौरान शुद्ध कर राजस्व 12.25 लाख करोड़ रुपये या पूरे साल के लक्ष्य का 63.3 प्रतिशत रहा है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह लक्ष्य का 73.5 प्रतिशत था। गैर कर राजस्व 73.5 प्रतिशत आया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 91.8 प्रतिशत आया था। वहीं गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां (मुख्य रूप से विनिवेश से प्राप्त धन) लक्ष्य का 52.3 प्रतिशत है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 11 प्रतिशत आया था। मुख्य रूप से यह इस साल की शुरुआत में एलआईसी का आईपीओ लाने की वजह से हुआ है।

नवंबर 2022 तक कॉर्पोरेट कर, आयकर और जीएसटी संग्रह बजट में अनुमानित वृद्धि दर की तुलना में बेहतर रहा है और इसे कर राजस्व में वृद्धि से समर्थन मिला है। इंडिया रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा, ‘हमने बजट में रुढ़िवादी तरीके से राजस्व का अनुमान लगाकर शुरुआत की थी और वित्त वर्ष 23 के बजट में कम नॉमिनल जीडीपी वृद्धि की कल्पना की गई थी। हमारा तर्क अब उच्च कर राजस्व प्राप्ति में नजर आ रहा है।’

पूंजीगत व्यय की केंद्र सरकार की गुंजाइश मजबूत बनी हुई है। अप्रैल नवंबर के दौरान यह 4.47 लाख करोड़ रुपये या पूरे साल के लक्ष्य का 59.9 प्रतिशत रहा है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 49.4 प्रतिशत था। राजस्व व्यय 19.96 लाख करोड़ रुपये या वित्त वर्ष 23 के बजट अनुमान का 62.5 प्रतिशत है, जो पिछले साल की समान अवधि में 61.5 प्रतिशत था। नायर ने कहा, ‘नवंबर 2022 में कुल व्यय उल्लेखनीय रूप से 21 प्रतिशत बढ़ा है। इसमें राजस्व व्यय में 15 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि पूंजीगत व्यय 87 प्रतिशत बढ़ा है।’ उन्होंने कहा कि साल के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। नायर ने कहा कि हाल के पूरक अनुदान मांग में अतिरिक्त नकदी आने और 1 लाख करोड़ रुपये बचत से केंद्र का वित्त वर्ष 23 में व्यय बजट अनुमान से 2.3 लाख करोड़ रुपये अधिक हो सकता है।

First Published : December 30, 2022 | 10:51 PM IST