रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले 13 राज्यों की 7.4 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय करने की क्षमता है। यह वित्त वर्ष 22 में उनके द्वारा खर्च किए गए 4.1 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 81 प्रतिशत ज्यादा है। मूल्यांकन की गई वित्तपोषण क्षमता उनके वित्त वर्ष 2023 के बजट अनुमान 5.8 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 29 प्रतिशत ज्यादा है।
आकलन में बगैर किसी शर्त सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 3.5 प्रतिशत के बराबर उधारी लेने की क्षमता जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है। दूसरा, केंद्र द्वारा राज्यों को ब्याज रहित पूंजीगत व्यय ऋण मुहैया कराया गया है। अप्रैल-जुलाई 2022 में 13 राज्यों ने 915 अरब रुपये पूंजीगत व्यय किया है, जो वित्त वर्ष 23 के बजट अनुमान की तुलना में 16 प्रतिशत कम है। शुरुआती महीनों में कम खर्च की वजह से वास्तविक पूंजीगत व्यय प्रभावित होने की संभावना है, जो इस वित्त वर्ष में हासिल किया जा सकता था। आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित 13 में से 8 राज्यों के पास वित्तपोषण के पर्याप्त स्रोत हैं और वे वित्त वर्ष 23 में बजट में अनुमानित पूंजीगत व्यय से ज्यादा खर्च कर सकते हैं।