वित्त वर्ष 2023 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की सभी टीमों की औसत कमाई वित्त वर्ष 2019 यानी वैश्विक महामारी कोविड-19 से पहले के साल की तुलना में 23 फीसदी कम रही। गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रसिद्ध क्रिकेट टी20 टूर्नामेंट की कमाई में और ज्यादा उतार-चढ़ाव की गुंजाइश नहीं है।
मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म प्राइवेट सर्कल ने कहा, ‘अगर हम मुद्रास्फीति को ध्यान में रखें तो राजस्व में यह गिरावट काफी तेज है।’ बीते चार वर्षों में 10 फीसदी की मुद्रास्फीति दर का मतलब है कि वित्त वर्ष 2019 की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में सभी टीमों की कमाई में औसत गिरावट 47 फीसदी के करीब थी।
टीमों के स्वामित्व वाली कंपनियों की बाजार फाइलिंग के अध्ययन पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है, ‘राजस्व में यह गिरावट कहीं न कहीं इशारा करती है कि आईपीएल का बाजार अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया है। इसके क्रिकेट सामग्री की अधिकता, ग्राहकों की बदलती प्राथमिकता अथवा मनोरंजन विकल्पों में प्रतिस्पर्धा जैसे कई कारण हो सकते हैं।’
प्राइवेट सर्कल ने कहा है कि यदि राजस्व में इसी तरह गिरावट आती है या ये स्थिर रहता है तो आईपीएल के स्वरूप में बदलाव की जरूरत हो सकती है। लीग लंबे समय तक चले इसके लिए राजस्व-साझाकरण व्यवस्था, लागत नियंत्रण अथवा रणनीतिक भागीदारी जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2019 में कोलकाता नाइट राइडर्स का सर्वाधिक 437 करोड़ रुपये का राजस्व था। उसके बाद दिल्ली कैपिटल्स की 424 करोड़ रुपये और चेन्नई सुपर किंग्स की 418 करोड़ रुपये आय थी।
वित्त वर्ष 2023 में दिल्ली कैपिटल का सर्वाधिक 367 करोड़ रुपये का राजस्व था। 360 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ गुजरात टाइटंस दूसरे स्थान पर थी और 359 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ मुंबई इंडियंस की टीम तीसरे पायदान पर रही। वित्त वर्ष 2019 में शीर्ष तीन राजस्व कमाने वाली टीमों की तुलना में उनके आंकड़े कम हैं।
वित्त वर्ष 2019 में सभी टीमों का औसत राजस्व 394.28 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023 में कम होकर 307.5 करोड़ रुपये रह गया। मगर रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी टीमों की प्रायोजक से आमदनी में इजाफा हुआ है।
वित्त वर्ष 2023 में इसकी जानकारी देने वाली टीमों में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरु को प्रायोजक से 83 करोड़ रुपये की आय हुई, जो सबसे अधिक थी। उसके बाद चेन्नई सुपर किंग्स ने 78 करोड़ रुपये और दिल्ली कैपिटल्स ने 72 करोड़ रुपये कमाए।